Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Jul, 2021 08:18 PM
सरकार ने स्पष्ट किया कि दालों पर दो जुलाई से लगाई गई स्टॉक की सीमा को वापस नहीं लिया गया है। सरकार ने यह कदम दालों की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए उठाया था। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा गया है कि व्हॉट्सएप पर इस तरह का संदेश भेजा जा रहा है...
बिजनेस डेस्क- सरकार ने स्पष्ट किया कि दालों पर दो जुलाई से लगाई गई स्टॉक की सीमा को वापस नहीं लिया गया है। सरकार ने यह कदम दालों की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए उठाया था। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा गया है कि व्हॉट्सएप पर इस तरह का संदेश भेजा जा रहा है कि दालों पर स्टॉक की सीमा हटा दी गई है।
अटकलों से बचें
इस बारे में हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि दो जुलाई से लगाई की स्टॉक की सीमा हटाई नहीं गई है बल्कि इसे लागू किया गया है। बयान में कहा गया है कि इस तरह की अटकलों से बचा जाना चाहिए। सरकार ने कहा कि वह राज्य सरकारों द्वारा इस आदेश के क्रियान्वयन की निगरानी कर रही है। सरकार ने राज्यों से कहा है कि जो भी दुकानदार या कारोबारी स्टॉक लिमिट नियमों का उल्लंघन कर रहा हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ यह जानकारी भी शेयर की है जहां स्टॉकिस्ट की तरफ से घोषित स्टॉक लिमिट उपभोक्ता मामलों के विभाग की वेबसाइट से मैच नहीं कर रहा है।
दालों की कीमतें सातवें आसमान पर
दालों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने मूंग को छोड़कर सभी दोलों पर 31 अक्टूबर तक स्टॉक लिमिट लगाई है। कारोबारी किसी भी दाल या दलहन का सरकार की तरफ से तय लिमिट से ज्यादा का स्टॉक नही रख पाएंगे। देशभर में फिलहाल दालों की कीमतें सातवें आसमान पर हैं। इन्हीं कीमतों को काबू करने के लिए सरकार ने यह पहल की है। भारत दाल का बड़ा उत्पादक देश होने के बाद भी बड़ी मात्रा में इसका इम्पोर्ट करता है।
जानें कितनी है स्टॉक लिमिट
सरकार ने खुदरा कारोबारियों के लिए 5 टन स्टॉक की लिमिट तय की है। थोक कारोबारियों और आयातकों के लिए 200 टन की लीमिट तय की गई है। इसमें किसी एक वैरायटी का स्टॉक 100 टन से ज्यादा नहीं होना चाहिए। दाल मिल भी अपनी कुल सालाना क्षमता का 25 फीसदी से ज्यादा का स्टॉक नही रख पाएंगी।