Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jul, 2022 05:07 PM
निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एकल आधार पर शुद्ध लाभ 50 प्रतिशत बढ़कर 6,905 करोड़ रुपए हो गया। देश के दूसरे बड़े निजी बैंक ने शनिवार को शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कहा कि एक साल पहले की
नई दिल्लीः निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एकल आधार पर शुद्ध लाभ 50 प्रतिशत बढ़कर 6,905 करोड़ रुपए हो गया। देश के दूसरे बड़े निजी बैंक ने शनिवार को शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कहा कि एक साल पहले की समान तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 4,616 करोड़ रुपए रहा था। वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 28,336.74 करोड़ रुपए हो गई जो एक साल पहले की इसी तिमाही में 24,379.27 करोड़ रुपए थी।
बैंक को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ब्याज से आय भी बढ़कर 23,671.54 करोड़ रुपए हो गई। पिछले साल की समान तिमाही में यह 20,383.41 करोड़ रुपए रही थी। परिसंपत्ति गुणवत्ता के मामले में भी बीती तिमाही बैंक के लिए अच्छी साबित हुई। सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घटकर कुल ऋण का 3.41 प्रतिशत रह गया जबकि एक साल पहले यह 5.15 प्रतिशत था। इसी तरह शुद्ध एनपीए यानी फंसा हुआ कर्ज भी 1.16 प्रतिशत से घटकर 0.70 प्रतिशत पर आ गया। इसका असर फंसे कर्जों एवं आकस्मिक खर्चों के लिए किए जाने वाले वित्तीय प्रावधानों पर पड़ा।
बैंक को पहली तिमाही में इनके लिए 1,143.82 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान करना पड़ा जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में यह राशि 2,851.69 करोड़ रुपए थी। समेकित आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ 55 प्रतिशत बढ़कर 7,385 करोड़ रुपए हो गया जो एक साल पहले की समान अवधि में 4,616 करोड़ रुपए रहा था।
कोटक महिंद्रा बैंक का लाभ 26% बढ़ा
कोटक महिंद्रा बैंक का वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में शुद्ध लाभ 26 फीसदी बढ़कर 2,071.15 करोड़ रुपए रहा है। फंसे कर्ज में कमी आने से उसका लाभ बढ़ा है। कोटक महिंद्रा बैंक ने शनिवार को शेयर बाजारों को बताया कि 2021-22 की समान तिमाही में उसे 1,641.92 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ था। अप्रैल-जून 2022 तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 8,582.25 करोड़ रुपए हो गई जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 8,062.81 करोड़ रुपए थी।
समीक्षाधीन तिमाही में ब्याज से प्राप्त आय बढ़कर 7,338.49 करोड़ रुपए हो गई। पिछले वर्ष अप्रैल-जून में यह 6,479.78 करोड़ रुपए थी। शुद्ध ब्याज आय 19 फीसदी बढ़कर 4,697 करोड़ रुपए हो गई जो पिछले वर्ष अप्रैल-जून तिमाही में 3,942 करोड़ रुपए थी। जून के अंत तक परिसंपत्ति गुणवत्ता के मामले में सकल गैर-निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) घटकर सकल अग्रिम का 2.24 फीसदी रह गई। 30 जून, 2021 में यह 3.56 फीसदी थीं। शुद्ध एनपीए यानी फंसा कर्ज भी 1.28 फीसदी से घटकर 0.62 फीसदी रह गया।