कोविड-19 महामारी से 1.9% रह सकती है भारत की वृद्धि दर: इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च

Edited By Updated: 27 Apr, 2020 05:31 PM

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इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंडरा) ने कोविड-19 महामारी और अर्थव्यवस्था पर इसके असर का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमानों को सोमवार को संशोधित कर 1.9 फीसदी तक घटा दिया,

नई दिल्लीः इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंडरा) ने कोविड-19 महामारी और अर्थव्यवस्था पर इसके असर का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमानों को सोमवार को संशोधित कर 1.9 फीसदी तक घटा दिया, जो पिछले 29 वर्षों में सबसे कम वृद्धि होगी। इस संदर्भ में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यह अनुमान इस मान्यता पर आधारित है कि आंशिक लॉकडाउन मई मध्य तक जारी रहेगा। यदि लॉकडाउन मई मध्य के बाद भी जारी रहा, तो जीडीपी वृद्धि दर नकारात्मक हो सकती है। 

पहले 3.6% था अनुमान
इंडरा के प्रधान अर्थशास्त्री और लोक वित्त के निदेशक सुनील कुमार सिन्हा ने एक रिपोर्ट में कहा कि, 'हमने वित्त वर्ष 2020-21 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमानों की समीक्षा कर इसे 3.6 फीसदी से घटाकर 1.9 फीसदी कर दिया है।' इससे पहले इतनी कम वृद्धि वित्त वर्ष 1991-92 के दौरान थी जब कि जीडीपी केवल 1.1 फीसदी बढ़ा था। 

41 साल निम्न रह सकता है अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन 
उन्होंने कहा कि अगर लॉकडाउन मई मध्य के आगे भी जारी रहा और हालात में सुधार जून के अंत से शुरू हआ, तो जीडीपी 2.1 फीसदी गिर सकता है। इस स्थिति में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन 41 साल का सबसे निम्न होगा। कई वैश्विक और घरेलू शोध एजेंसियों ने कोविड-19 महामारी और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के बीच भारत के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के पूर्वानुमानों में कटौती की है।

अन्य एजेंसियों के मुताबिक इतनी रह सकती है GDP

  • मालूम हो कि विश्व बैंक के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर 2020-21 में 1.5 फीसदी से 2.8 फीसदी रह सकती है। 1991 में आर्थिक सुधारों के बाद से यह सबसे धीमी वृद्धि दर होगी। 
  • एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2020-21 में चार फीसदी रहने का अनुमान जताया।
  • सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च ने भी 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर अनुमान 5.2 फीसदी से कम कर 3.1 फीसदी कर दिया है।
  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को भारत की वृद्धि दर 1.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
  • क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 1.8 फीसदी कर दिया थी। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण आई वैश्विक महामारी के मद्देनजर यह कटौती की गई। एजेंसी के अनुसार, यह 2021-22 में बढ़कर 7.5 फीसदी रह सकता है। 
  • अपने वैश्विक आर्थिक आउटलुक में फिच रेटिंग्स ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अप्रैल 2020 से मार्च 2021 (FY21) के दौरान 0.8 फीसदी तक रह जाएगी, जबकि बीते वित्त वर्ष के दौरान यह आंकड़ा 4.9 फीसदी (अनुमानित) था। 

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