रियल एस्टेट में बढ़ सकता है 46 हजार करोड़ का निवेश

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jan, 2020 04:15 PM

investment of 46 thousand crores may increase in real estate

सरकार के सुधारवादी कदमों और कार्यालयों की मांग बढ़ने से 2020 में भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र का निवेश 46 हजार करोड़ रुपए बढ़ सकता है। वैश्विक संपत्ति सलाहकार फर्म कोलियर्स ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि निवेश में यह उछाल आईटी कंपनियों की

नई दिल्लीः सरकार के सुधारवादी कदमों और कार्यालयों की मांग बढ़ने से 2020 में भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र का निवेश 46 हजार करोड़ रुपए बढ़ सकता है। वैश्विक संपत्ति सलाहकार फर्म कोलियर्स ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि निवेश में यह उछाल आईटी कंपनियों की ओर से कार्यालयों की मांग बढ़ने से आएगा। कोलियर्स ने बताया कि 2019 में कुल 6.2 अरब डॉलर का निवेश आया, जो 2018 की तुलना में 8.7 फीसदी ज्यादा है। कुल निवेश में 78 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों की है।

सलाहकार फर्म ने बताया कि 2008 के बाद से भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में कुल 4.10 लाख करोड़ रुपए का निवेश आया है। परामर्शदाता कंपनी के रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि अगले तीन साल तक देश में वाणिज्यिक कार्यालयों की मांग में तेजी जारी रहेगी, जिससे निवेशकों का इस क्षेत्र में पैसे लगाने पर ज्यादा जोर रहेगा। अनुमान है कि 2020 में कुल आपूर्ति में से 40 फीसदी हिस्सेदारी सिर्फ वाणिज्यिक कार्यालय सेक्टर की होगी। 2019 में कुल आपूर्ति में वाणिज्यिक कार्यालयों की हिस्सेदारी 46 फीसदी रही थी।

रेरा-जीएसटी ने बढ़ाया भरोसा
सलाहकार फर्म का कहना है कि निवेशकों का भरोसा रेरा जैसे नियामकीय कानून लागू होने और जीसटी के रूप में बड़ा कर सुधार आने के बाद बढ़ा है। हालांकि, क्षेत्र में छाई मंदी की वजह से निवेशक अब भी रिहायशी परियोजनाओं में पैसे लगाने से झिझक रहे हैं। इसके अलावा निवेशक वेयरहाउसिंग, रिटेल और को-वर्किंग जैसे क्षेत्रों में सतर्कता बरत रहे हैं।
 

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