Edited By Pardeep,Updated: 29 Oct, 2022 09:34 PM
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सरकार ने शनिवार को कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों में नए संशोधन सोशल मीडिया कंपनियों पर कानूनी बाध्यता लगाएंगे जिससे उन्हें प्रतिबंधित सामग्री और गलत जानकारी
नई दिल्लीः सरकार ने शनिवार को कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों में नए संशोधन सोशल मीडिया कंपनियों पर कानूनी बाध्यता लगाएंगे जिससे उन्हें प्रतिबंधित सामग्री और गलत जानकारी पर रोक लगाने के लिए सारे प्रयास करने होंगे। इसके साथ ही साफ किया कि ट्विटर और फेसबुक जैसे मंचों को स्थानीय कानूनों और भारतीय उपयोगकर्ताओं के संवैधानिक अधिकारों का पालन करना होगा।
शुक्रवार को अधिसूचित नए आईटी नियमों में शिकायत अपीलीय समितियों के गठन की बात है जो पोस्ट हटाने या अनुरोधों पर रोक लगाने के बड़े प्रौद्योगिकी कंपनियों के फैसलों को पलट सकती हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि शिकायत अपीलीय समितियों (जीएसी) के ढांचे और दायरे को परिभाषित करने के तौर-तरीकों पर जल्द काम किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि अब सोशल मीडिया मंच उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के निवारण को लेकर अपना ‘सांकेतिक' और ‘चलताऊ' रवैया छोड़ेंगे।
सोशल मीडिया मंचों पर उपलब्ध सामग्रियों एवं अन्य मुद्दों को लेकर दर्ज शिकायतों का समुचित निपटारा करने के लिए सरकार ने शुक्रवार को आईटी नियमों में बदलाव करते हुए तीन महीने में अपीलीय समितियों का गठन की घोषणा की। ये समितियां मेटा और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा सामग्री के नियमन के संबंध में किए गए फैसलों की समीक्षा कर सकेंगी।
चंद्रशेखर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिकायत अपीलीय समिति इंटरनेट और मध्यवर्तियों के लिए आगामी दिनों में एक महत्वपूर्ण संस्थान होंगी। हम इसके ढांचे, संविधान, दायरे और नियम-शर्तों के बारे में घोषणा करेंगे।''
उन्होंने कहा कि शिकायतों के निपटारे को लेकर मंचों के अब तक के लापरवाही भरे रवैये की वजह से ही ये कदम उठाने पड़े हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘हम यह उम्मीद करते हैं कि मध्यवर्तियां अपने स्तर पर शिकायतों के निपटारे के लिए बेहतर ढंग से काम करेंगी जिससे कि अपीलीय प्रक्रिया पर बहुत अधिक भार नहीं पड़े।''