Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Feb, 2023 05:34 PM
वर्ष 2047 तक सभी का बीमा करने के लिए भारत को अधिक संख्या में बीमा कंपनियों, उत्पादों की व्यापक श्रृंखला और अधिक वितरण भागीदारों की जरूरत है। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के चेयरमैन देवाशीष पांडा ने मंगलवार को यह बात कही।
मुंबईः वर्ष 2047 तक सभी का बीमा करने के लिए भारत को अधिक संख्या में बीमा कंपनियों, उत्पादों की व्यापक श्रृंखला और अधिक वितरण भागीदारों की जरूरत है। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के चेयरमैन देवाशीष पांडा ने मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने यहां भारतीय निजी इक्विटी एवं उद्यम पूंजी संघ के वार्षिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बीमा क्षेत्र को दो दशक पहले खोला गया था और बाजार बहुत बड़ा हो गया है लेकिन अभी भी इसमें तेज वृद्धि के लिए बहुत अधिक गुंजाइश है।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, फिर भी 2021 में बीमा प्रसार 4.2 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा बहुत कम है और इसे बढ़ाने की जरूरत है। पांडा ने कहा, ‘‘हमारा 1.4 अरब आबादी वाला विविधता से भरा देश है। यहां एक उत्पाद सभी के लिए सही नहीं हो सकता है। इसकी जगह हमें अनूठे उत्पादों की जरूरत है, जो बेहद अमीर और साथ ही बेहद गरीब, दोनों की बीमा जरूरतों को पूरा कर सकें।''
उन्होंने कहा कि इस मांग को आज 70 कंपनियों तक सीमित उद्योग द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता है। पांडा ने कहा, ‘‘इसलिए, हमें 2047 तक सभी का बीमा करने के लिए अधिक संख्या में बीमा कंपनियों, उत्पादों की व्यापक श्रृंखला और अधिक वितरण साझेदारों की जरूरत है।''