Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Feb, 2023 12:24 PM
निजी क्षेत्र को पिछले दो साल के दौरान नीलामी के जरिए बेची गई 10 कोकिंग कोयला खानों में से ज्यादातर में 2025 तक उत्पादन शुरू होने की संभावना है। कोयला मंत्रालय ने यह बात कही है। मंत्रालय ने कच्चे कोकिंग कोयले का उत्पादन बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को...
नई दिल्लीः निजी क्षेत्र को पिछले दो साल के दौरान नीलामी के जरिए बेची गई 10 कोकिंग कोयला खानों में से ज्यादातर में 2025 तक उत्पादन शुरू होने की संभावना है। कोयला मंत्रालय ने यह बात कही है। मंत्रालय ने कच्चे कोकिंग कोयले का उत्पादन बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को 10 ब्लॉकों की नीलामी की है। लौह और इस्पात विनिर्माण का यह प्रमुख कच्चा माल है।
कोयला मंत्रालय ने 2022 की अपनी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘इनमें से अधिकांश ब्लॉकों से 2025 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।'' इन खानों की अधिकतम ‘रेटेड' क्षमता (पीआरसी) 2.25 करोड़ टन है। घरेलू स्तर पर कच्चे कोकिंग कोयले का उत्पादन 2030 तक 14 करोड़ टन पर पहुंचने की उम्मीद है।
कोल इंडिया (सीआईएल)ने मौजूदा खानों से कच्चे कोकिंग कोयले के उत्पादन को 2.6 करोड़ टन तक बढ़ाने की योजना बनाई है। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने 2.2 करोड़ टन पीआरसी वाली नौ नई खानों की पहचान की है। देश के कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत की है।