GST 2.0 के बाद RBI देगा Diwali Gift! रेपो दर में हो सकती है कटौतीः SBI रिसर्च

Edited By Updated: 22 Sep, 2025 05:00 PM

rbi may give diwali gift after gst 2 0 repo rate cut possible

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आगामी मौद्रिक नीति बैठक से पहले बड़ी खबर सामने आई है। जीएसटी 2.0 लागू होने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बैंक दिवाली के मौके पर लोगों को तोहफा दे सकता है। रिपोर्ट में अनुमान जताया...

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आगामी मौद्रिक नीति बैठक से पहले बड़ी खबर सामने आई है। जीएसटी 2.0 लागू होने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बैंक दिवाली के मौके पर लोगों को तोहफा दे सकता है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि खुदरा महंगाई के नरम रुझान को देखते हुए रेपो दर में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती संभव है।

सोमवार को जारी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक शोध में यह बात कही गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में गिरावट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) फरवरी से अब तक रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है। लगातार तीन बार रेपो दर में कटौती करने के बाद आरबीआई ने अगस्त में इसे यथावत रखा था। 

केंद्रीय बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 29 सितंबर से तीन दिन तक विचार-विमर्श के लिए बैठक करेगी। बैठक में लिए फैसले की घोषणा एक अक्टूबर को की जाएगी। भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग की शोध रिपोर्ट ‘एमपीसी बैठक की प्रस्तावना' में कहा गया, ‘‘सितंबर में ब्याज दरों में कटौती करना उचित एवं तर्कसंगत है... लेकिन इसके लिए आरबीआई द्वारा सोच-समझकर विचार-विमर्श की आवश्यकता होगी क्योंकि जून के बाद ब्याज दरों में कटौती की संभावना वास्तव में अधिक होगी।'' 

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026-27 के लिए सीपीआई के आंकड़े अब लगभग चार प्रतिशत या उससे कम के आसपास हैं। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को युक्तिसंगत बनाने के साथ अक्टूबर में सीपीआई 1.1 प्रतिशत के करीब हो सकता है, जो 2004 के बाद सबसे कम होगा। एसबीआई के शोध में कहा गया, ‘‘सितंबर में ब्याज दरों में कटौती आरबीआई के लिए सबसे अच्छा विकल्प है जो इसे एक दूरदर्शी केंद्रीय बैंक के रूप में भी पेश करेगा।'' 

एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष द्वारा लिखित रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि जीएसटी को युक्तिसंगत बनाए जाने से सीपीआई मुद्रास्फीति में 0.65 से 0.75 प्रतिशत की और गिरावट आ सकती है। सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सीपीआई दोनों तरह दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे। 
 

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