खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी महीने में बढ़कर तीन महीने के उच्च स्तर 6.52% पर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Feb, 2023 10:04 AM

retail inflation rises to three month high of 6 52 in january

खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी महीने में तीन महीने के उच्च स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसके साथ ही महंगाई दर एक बार फिर रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर की उच्चतम सीमा से ऊपर चली गयी है। नवंबर और दिसंबर 2022 को छोड़ दिया जाए तो खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी...

नई दिल्लीः खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी महीने में तीन महीने के उच्च स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसके साथ ही महंगाई दर एक बार फिर रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर की उच्चतम सीमा से ऊपर चली गयी है। नवंबर और दिसंबर 2022 को छोड़ दिया जाए तो खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2022 से ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत की ऊपरी सीमा से ऊंची रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.72 प्रतिशत और जनवरी 2022 में 6.01 प्रतिशत थी। इससे पहले, खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में उच्च स्तर 6.77 प्रतिशत पर थी। 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों की कीमतें जनवरी में घटी हैं। हालांकि ईंधन और प्रकाश समेत अन्य श्रेणियों में महंगाई बढ़ी है। खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही। यह दिसंबर में 4.19 प्रतिशत और पिछले साल इसी तहीने में 5.43 प्रतिशत थी। गांवों में महंगाई शहरों के मुकाबले ऊंची रही। जहां ग्रामीण क्षेत्रों में यह 6.85 प्रतिशत रही, वहीं शहरी केंद्रों में यह छह प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। पिछले सप्ताह आरबीआई ने महंगाई को काबू में रखने के लिए नीतिगत दर रेपो 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी। रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति 2022-23 में 6.5 प्रतिशत रहले का अनुमान जताया है। 

रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने आंकड़ों पर कहा, “उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जनवरी, 2023 में अनुमान से ज्यादा तेजी से बढ़ी और तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गयी। खाद्य मुद्रास्फीति में अप्रत्याशित रूप से तीव्र उछाल देखा गया। उन्होंने कहा, “जनवरी, 2023 में सीपीआई मुद्रास्फीति में उछाल के बाद हमने चालू वर्ष की चौथी तिमाही में अपना अनुमान छह प्रतिशत से बदलकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है। यह मौद्रिक नीति समिति के पिछले सप्ताह जारी अनुमान से अधिक है।''
 

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