Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Dec, 2022 03:45 PM
भारतीय रिजर्व बैंक ने 7 दिसंबर को रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था। रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) बढ़ाना शुरू कर दिया है। एचडीएफसी बैंक बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक के बाद अब पब्लिक...
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक ने 7 दिसंबर को रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था। रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) बढ़ाना शुरू कर दिया है। एचडीएफसी बैंक बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक के बाद अब पब्लिक सेक्टर के बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने अलग-अलग अवधि के एमसीएलआर में 25 से 30 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 से 0.30 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। अब बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा। बैंक की नई दरें 12 दिसंबर, 2022 से लागू हो जाएगी।
बीएसई फाइलिंग के मुताबिक, बैंक ने एक साल की एमसीएलआर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 8.30 फीसदी कर दिया है। अभी तक यह 8.05 फीसदी थी। एक माह की एमसीएलआर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 7.95 फीसदी कर दिया गया है। तीन माह की एमसीएलआर को 0.30 फीसदी बढ़ाकर 8.05 फीसदी कर दिया गया है। 6 माह की एमसीएलआर 0.25 फीसदी बढ़ाकर 8.15 फीसदी और एक दिन की 0.25 फीसदी बढ़ाकर 7.50 फीसदी की गई है।
बढ़ जाएगी आपकी EMI
एमसीएलआर में बढ़ोतरी के साथ टर्म लोन पर ईएमआई बढ़ने की उम्मीद है। ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है। ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं।
क्या होता है MCLR?
गौरतलब है कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं। उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे।