मजबूत बुनियादी ढांचे, बड़े निवेश से 2026 में भारत के FDI को गति मिलने की उम्मीद

Edited By Updated: 27 Dec, 2025 01:51 PM

strong infrastructure and large investments are expected to boost india s fdi in

मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी ढांचे, बड़े निवेश प्रस्तावों, कारोबारी सुगमता में सुधार के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों और निवेश से जुड़े नए दौर के व्यापार समझौतों के कारण 2026 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में मजबूत वृद्धि दर्ज होने उम्मीद है।...

नई दिल्लीः मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी ढांचे, बड़े निवेश प्रस्तावों, कारोबारी सुगमता में सुधार के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों और निवेश से जुड़े नए दौर के व्यापार समझौतों के कारण 2026 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में मजबूत वृद्धि दर्ज होने उम्मीद है। भारत को आकर्षक और निवेशकों के अनुकूल गंतव्य बनाए रखने के लिए सरकार एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति की लगातार समीक्षा करती है और हितधारकों से व्यापक परामर्श के बाद समय-समय पर इसमें बदलाव करती रहती है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस वर्ष एफडीआई को बढ़ावा देने के तरीकों पर हितधारकों के साथ कई बैठकें की हैं। 

नवंबर में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी प्रक्रियाओं को तेज, सरल और अधिक प्रभावी बनाकर अधिक निवेश आकर्षित करने पर विचार-विमर्श किया। निवेशकों के अनुकूल नीतियां और नियामक प्रक्रियाएं, निवेश पर मजबूत प्रतिफल, कुशल कार्यबल, अनुपालन बोझ में कमी, उद्योग से जुड़े छोटे अपराधों का अपराधमुक्तिकरण और मंजूरी प्रक्रियाओं का सरलीकरण ऐसे प्रमुख उपाय हैं, जिनके कारण वैश्विक चुनौतियों के बावजूद विदेशी निवेशकों का ध्यान भारत पर बना हुआ है। वित्त वर्ष 2024-25 में वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 80.5 अरब डॉलर को पार कर गया है। 

जनवरी-अक्टूबर 2025 के दौरान सकल विदेशी निवेश 60 अरब डॉलर से अधिक रहा। डीपीआईआईटी के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों के कारण पिछले 11 वर्षों में भारत ने उल्लेखनीय निवेश आकर्षित किया है। उन्होंने कहा, “वित्त वर्ष 2024-25 में यह अब तक के उच्चतम स्तर 80.62 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। हमें उम्मीद है कि इस वर्ष (2026) एफडीआई पिछले वर्ष के 80.62 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है।” 

भारत चार देशों के यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते पर भी भरोसा कर रहा है, जिसके तहत इस समूह ने 15 वर्षों में भारत में 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह समझौता एक अक्टूबर 2025 से लागू हुआ और इसके लागू होने के दिन ही स्विट्जरलैंड की स्वास्थ्य सेवा कंपनी रोश फार्मा ने अगले पांच वर्षों में भारत में 1.5 अरब स्विस फ्रैंक (लगभग 17,000 करोड़ रुपए) निवेश करने की घोषणा की।  
 

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