स्टार्टअप में आया बेहिसाब निवेश, आयकर विभाग ने भेजे नोटिस

Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 May, 2023 01:10 PM

unaccounted investment came in startup income tax department sent notice

आयकर विभाग ने कुछ प्रमुख यूनिकॉर्न सहित कई स्टार्टअप को वित्त वर्ष 2019 से 2021 के बीच आए बिना हिसाब के निवेश पर नोटिस भेजे हैं। ये नोटिस फिनटेक एग्रीगेटर और एडटेक सहित सभी तरह की स्टार्टअप को भेजे गए हैं। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया...

नई दिल्लीः आयकर विभाग ने कुछ प्रमुख यूनिकॉर्न सहित कई स्टार्टअप को वित्त वर्ष 2019 से 2021 के बीच आए बिना हिसाब के निवेश पर नोटिस भेजे हैं। ये नोटिस फिनटेक एग्रीगेटर और एडटेक सहित सभी तरह की स्टार्टअप को भेजे गए हैं। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि नोटिस में आयकर कानून की धारा 68 के तहत निवेश के स्रोत और प्रकृति की जानकारी मांगी गई है। 100 करोड़ रुपए या इससे अधिक के प्रत्येक निवेश की जांच की जा रही है मगर यह पता नहीं चला कि कुल कितने निवेश की पड़ताल की जा रही है।

आयकर की धारा 68 के तहत उन मामलों की जांच की जाती है, जिनमें करदाताओं के खातों में बेहिसाब धन जमा होता है और जिस धन के स्रोत की जानकारी वे नहीं दे पाते। इस धारा का इस्तेमाल आम तौर पर शेयर जारी करने वालों की पहचान, साख और वास्तविकता का पता लगाने के लिए किया जाता है।

इनमें से कुछ नोटिस विदेशी निवेशकों की स्थानीय हिस्सेदारी, निर्धारित मूल्यांकन और निवेशकों द्वारा लिए गए ऋण के उद्देश्य के बारे में भी जारी किए गए हैं। कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों की सहायक इकाइयों को प्रवर्तक फर्मों से प्राप्त धन के संबंध में भी सवाल पूछे गए हैं। मामले से वाकिफ एक अधिकारी ने कहा, ‘पैसों की राउंड-ट्रिपिंग (रकम को देश से बाहर भेजना और उसी रकम को विदेशी निवेश के रूप में वापस हासिल करना) के बढ़ते खतरे को देखते हुए सफाई मांगी जा रही है। इसी वजह से प्रवासी निवेशकों को भी ऐंजल कर के दायरे में लाया गया है।’

अधिकारी कहा कि नियामकीय ढांचे को ध्यान में रखते हुए ऐंजल कर से रियायत की सूची तैयार की गई है। 21 देशों के सॉवरिन वेल्थ फंड, पेंशन फंड और सेबी में पंजीकृत पोर्टफोलियो निवेशकों को ऐंजल कर के प्रावधानों से छूट दी जाएगी क्योंकि ये विनियमित इकाइयां हैं लेकिन इन देशों की कंपनियां पूरी तरह विनियमित नहीं होती हैं क्योंकि इन देशों में फर्म शुरू करना आसान होता है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को नियम व शर्तें कुछ आसान बनाने के लिए निजी इक्विटी एवं वेंचर कैपिटल (पीई/वीसी) फंडों से सुझाव मिले हैं। उदाहरण के लिए नियमों के मसौदे में प्राइस मैचिंग और 10 फीसदी सेफ हार्बर के लिए अभी केवल शेयरों को छूट दी गई है, जिसे परिवर्तनीय बॉन्ड को भी देने का सुझाव है।

जे सागर एसोसिएट्स में पार्टनर ललित कुमार ने कहा, ‘मुख्य रूप से कर से संबंधित यह प्रस्ताव विदेशी मुद्रा नियमों के तहत विदेशी निवेश सौदों को प्रभावित कर सकता है। देश में पीई लेनदेन में आमतौर पर विनिमय दरों के साथ सीसीपीएस जैसी परिवर्तनीय प्रतिभूतियों का उपयोग किया जाता है। अगर इन प्रतिभूतियों को मूल्यांकन कीमत से अधिक मूल्य पर जारी किया जाता है तो दोनों मूल्यों में अंतर पर ऐंजल कर वसूला जाएगा।’
 

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