Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Nov, 2025 03:59 PM

अमेरिका और चीन के बीच जारी आर्थिक खींचतान के बीच रेयर अर्थ मेटल्स एक बार फिर चर्चा में हैं। दुनिया की सबसे बड़ी रेयर अर्थ सप्लायर होने के कारण चीन इस सेक्टर में अपनी पकड़ को रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि हाल ही में चीन ने अमेरिका...
बिजनेस डेस्कः अमेरिका और चीन के बीच जारी आर्थिक खींचतान के बीच रेयर अर्थ मेटल्स एक बार फिर चर्चा में हैं। दुनिया की सबसे बड़ी रेयर अर्थ सप्लायर होने के कारण चीन इस सेक्टर में अपनी पकड़ को रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि हाल ही में चीन ने अमेरिका को कुछ रेयर अर्थ एलिमेंट्स की सप्लाई फिर से शुरू की है लेकिन वह अभी भी कई महत्वपूर्ण और दुर्लभ धातुओं का एक्सपोर्ट रोक कर बैठा है। इनमें सबसे अहम Yttrium भी शामिल है। चीन ने अमेरिका के लिए इसकी सप्लाई कई महीनों से रोक रखी है, जिससे अमेरिकी टेक और डिफेंस इंडस्ट्री चिंतित हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि रेयर अर्थ पर चीन की इस तरह की रणनीति अमेरिका के सप्लाई चेन डाइवर्ज़न और टेक्नोलॉजी प्रतिबंधों के जवाब के तौर पर देखी जा रही है। अमेरिका के पास फिलहाल चीन का विकल्प सीमित है, इसलिए उसे रेयर अर्थ की सप्लाई में किसी भी व्यवधान का बड़ा असर झेलना पड़ सकता है।
चीन ने 30% कम किया एक्सपोर्ट
Yttrium का इस्तेमाल हाई-टेंपरेचर सेमीकंडक्टर, जेट इंजन, एडवांस्ड कोटिंग, मिसाइल सिस्टम, लेजर और खास तरह के सिरैमिक्स बनाने में होता है लेकिन चीन द्वारा इसकी सप्लाई घटाने से अमेरिका बड़ी दिक्कत में पड़ गया है। अप्रैल से चीन ने Yttrium का एक्सपोर्ट 30% कम कर दिया है। इससे पहले अमेरिका अपनी 93% जरूरत सीधे चीन से पूरी करता था, जबकि बाकी 7% भी चीन में प्रोसेस किए गए मटीरियल्स से आता था। सप्लाई रुकने के बाद अमेरिका में इसका स्टॉक तेजी से खप रहा है—एक ट्रेडर के मुताबिक देश में इसका भंडार 200 टन से गिरकर सिर्फ 5 टन रह गया है, जो कुछ महीनों में ही खत्म हो सकता है।
Yttrium को लेकर चीन की ताकत
विशेषज्ञों के अनुसार Yttrium अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी मौजूद है लेकिन असली चुनौती इसका प्रोसेसिंग है। रेयर अर्थ को रिफाइन करना बेहद जटिल और पर्यावरण के लिए हानिकारक प्रक्रिया है, और चीन ने इस क्षमता को विकसित करने में दशकों का समय लगाया है। यही वजह है कि दुनिया अभी भी रिफाइंड रेयर अर्थ के लिए बड़ी हद तक चीन पर निर्भर है। अमेरिका के लिए यह स्थिति रणनीतिक रूप से चिंता बढ़ाने वाली है, खासकर तब, जब यह मेटल रक्षा और हाई-टेक इंडस्ट्री का महत्वपूर्ण हिस्सा है।