Ayodhya Ram Mandir Flag Ceremony: क्यों ठीक 12 बजे फहराया जाएगा रामलला का ध्वज? जानें इस शुभ मुहूर्त का दिव्य राज़

Edited By Updated: 19 Nov, 2025 04:22 PM

ayodhya ram mandir flag ceremony

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में एक और ऐतिहासिक पल जुड़ने जा रहा है। मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

Ayodhya Ram Mandir Flag Ceremony: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में एक और ऐतिहासिक पल जुड़ने जा रहा है। मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। यह भव्य ध्वजारोहण कार्यक्रम दोपहर 12 बजे के आस-पास, अभिजीत मुहूर्त में शुरू होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे।

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ध्वजारोहण का शुभ समय
ट्रस्ट और वैदिक आचार्यों ने मिलकर ध्वजारोहण के लिए दोपहर 12 बजे से 12:30 बजे के बीच का समय तय किया है। यह 30 मिनट की अवधि अत्यंत शुभ मानी गई है। बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बटन दबाकर इस केसरिया ध्वज को फहराएंगे, जो लगभग तीन किलोमीटर दूर से दिखाई देगा।

अभिजीत मुहूर्त क्यों है खास?
किसी भी शुभ और बड़े कार्य को संपन्न करने के लिए शुभ मुहूर्त का चुनाव किया जाता है। राम मंदिर के ध्वजारोहण के लिए अभिजीत मुहूर्त को चुनने के पीछे गहन धार्मिक और ज्योतिषीय कारण हैं। अभिजीत शब्द का अर्थ होता है विजयी या विजेता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह मुहूर्त दिन के सभी 30 मुहूर्तों में सबसे अधिक शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। मान्यता है कि इस समय किया गया कोई भी कार्य निश्चित रूप से सफल होता है और उसमें विजय प्राप्त होती है।

यह भी माना जाता है कि अभिजीत मुहूर्त में सभी प्रकार के ज्योतिषीय दोषों को नष्ट करने की अद्भुत शक्ति होती है। अगर अन्य कोई शुभ योग न भी बन रहा हो, तो भी इस मुहूर्त में कार्य करने से सकारात्मक फल मिलते हैं। अभिजीत मुहूर्त दिन के ठीक मध्य में आता है, जब सूर्य आकाश के केंद्र बिंदु पर होता है। यह समय ऊर्जा और प्रकाश का चरम बिंदु होता है, जो मंदिर के लिए स्थाई शुभता और सकारात्मकता लाता है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, ध्वजारोहण के दिन श्रवण नक्षत्र का भी संयोग है, जिसके स्वामी स्वयं भगवान विष्णु हैं। चूंकि भगवान राम श्री हरि विष्णु के ही अवतार हैं, इसलिए यह संयोग इस मुहूर्त को और भी मंगलकारी बना देता है। राम मंदिर के शिखर पर इस धर्म ध्वज का फहराना, सदियों के संघर्ष के बाद सत्य की विजय और मंदिर निर्माण कार्य की पूर्णता का प्रतीक होगा।

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