Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Sep, 2023 07:54 AM
आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में की जाती है। वह एक बहुत बड़े विद्वान, दार्शनिक और अर्थशास्त्री थे। इनकी शिक्षाओं का वर्णन उनके
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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में की जाती है। वह एक बहुत बड़े विद्वान, दार्शनिक और अर्थशास्त्री थे। इनकी शिक्षाओं का वर्णन उनके द्वारा लिखी गई चाणक्य नीति में किया गया है। इनके द्वारा दी गई शिक्षाओं के प्रभावस्वरुप चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य वंश की स्थापना की थी। आचार्य चाणक्य की नीतियों को न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी पढ़ाया जाता है। इनके द्वारा बताए गए सिद्धांत आज भी बहुत कारगर माने जाते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति का व्यवहार ही उसके मन का भेद बताता है और पापी व्यक्ति की आत्मा उसके पापों को सबके सामने प्रकट कर देती है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
व्यवहार से खुलता है मन का भेद
व्यवहारेऽन्तर्गतमाकार: सूचयति।
भावार्थ : व्यक्ति के मन में क्या है यह उसके व्यवहार से प्रकट हो जाता है। आदमी अपने व्यवहार से स्वयं ही अपने मन का भेद खोल देता है। किसी के मन का भेद पता करने का ये सबसे आसान तरीका है। दूसरे व्यक्ति के व्यवहार को देखकर ही उसके अच्छे और बुरे मन के भेद का पता लगाया जा सकता है। चेहरे के हाव-भाव देखकर ही ये अनुमान लगाना सरल हो जाता है कि दूसरा व्यक्ति क्या कहना चाहता है।
पापी की आत्मा उसके पापों को प्रकट कर देती है
आत्मनः पापमात्मैव प्रकाशयति।
भावार्थ : पाप करते समय उसकी आत्मा उसे सचेत करती है कि यह कार्य उचित नहीं, फिर भी मनुष्य जब पाप कर ही बैठता है तो उसकी आत्मा अशांत होकर उसे बेचैन कर डालती है। तब विवश होकर वह अपने पाप को स्वयं ही प्रकट कर देता है क्योंकि उसकी आत्मा उसे निरंतर कचोटती रहती है।