Edited By Prachi Sharma,Updated: 11 May, 2025 08:28 AM

छिन्नमस्ता जयंती हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखती है। देवी छिन्नमस्ता को तांत्रिक पूजाओं में प्रमुख स्थान प्राप्त है। यह पर्व मां छिन्नमस्ता की पूजा और उनके अद्भुत स्वरूप का आह्वान करने का दिन है।
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Chinnamasta Jayanti 2025: छिन्नमस्ता जयंती हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखती है। देवी छिन्नमस्ता को तांत्रिक पूजाओं में प्रमुख स्थान प्राप्त है। यह पर्व मां छिन्नमस्ता की पूजा और उनके अद्भुत स्वरूप का आह्वान करने का दिन है। छिन्नमस्ता देवी महाविद्या देवी में से छठी देवी हैं। तांत्रिक विद्याओं की प्राप्ति के लिए भी यह दिन बहुत ही खास माना जाता है। बड़े-बड़े तांत्रिक इस दिन मां की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा से साधक को जीवन के समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है और विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां छिन्नमस्ता को प्रचंड चंडिका भी कहा जाता है। उनकी पूजा करने से साधक की समस्त तांत्रिक बाधाएं दूर होती हैं और उसे विजय की प्राप्ति होती है।
छिन्नमस्ता जयंती शुभ योग
पंचांग के अनुसार आज 11 मई को छिन्नमस्ता जयंती मनाई जा रही है और इसी के साथ आज बहुत से शुभ योग का निर्माण होगा। जिसमें पूजा करने से असीम कृपा प्राप्त होगा। आज सबसे पहले रवि और भद्रा योग होगा।
छिन्नमस्ता जयंती पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
मां छिन्नमस्ता की मूर्ति या चित्र लाल वस्त्र पर स्थापित करें।
इसके बाद जल, फूल व अक्षत लेकर संकल्प लें कि आप श्रद्धा से छिन्नमस्ता जयंती की पूजा करेंगे।
मां छिन्नमस्ता का ध्यान करें।
मां को गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें।
नैवेद्य में मिश्री, फल और खासतौर पर तामसिक वस्तुएं जैसे कि नींबू, मिर्च भी चढ़ाई जाती हैं।
छिन्नमस्ता स्तोत्र, कवच या अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ करें।
अंत में मां की आरती करें और भोग का प्रसाद सबमें बांटें।