Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Oct, 2020 07:19 PM
आजकल कोरोना का डर हर व्यक्ति के मन में बसा हुआ है। उससे लड़ने के लिए सारा संसार जी तोड़ मेहनत कर रहा है। इसका तोड़ विज्ञान के पास चाहे न हो लेकिन अध्यात्म की बात की जाए तो भारतीय
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COVID 19: आजकल कोरोना का डर हर व्यक्ति के मन में बसा हुआ है। उससे लड़ने के लिए सारा संसार जी तोड़ मेहनत कर रहा है। इसका तोड़ विज्ञान के पास चाहे न हो लेकिन अध्यात्म की बात की जाए तो भारतीय संस्कृति में धार्मिक कामों का अपना महत्व है। सोमवार का दिन भगवान शिव की साधना और भक्ति के लिए उत्तम माना गया है। भगवान रुद्र साक्षात महाकाल हैं । वे अपने भक्तों को हर रोग और शोक से बचाते हैं।
विभिन्न धर्म ग्रंथों, वेद, पुराण आदि में अनेक ऐसे मंत्र और अनुष्ठान दिए गए हैं, जिनके द्वारा जटिल से जटिल बीमारियों, कष्टों, समस्याओं का निवारण सम्भव है। यहां तक कि अकाल मृत्यु और दुर्घटना से बचाव के लिए इन मंत्रों का विधि पूर्वक जाप किया जा सकता है। ऐसा ही एक मंत्र है महामृत्यंजय मंत्र, जिसे रुद्र मंत्र, त्रयम्बकम मंत्र, मृत संजीवनी मंत्र आदि नामों से जाना जाता है।
ॐ हौं जूं स: भूर्भुव: स्व:
ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।र्वारुकमिव बंधनानमृत्योर्मुक्षीय मामृतात।
स्व: भुव: भू ॐ स: जूं हौं ॐ ।
मंत्र की श्रद्धापूर्वक साधना करने से जीवन में अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता तथा दुर्घटना आदि से बचाव होता है। महामृत्युंजय मंत्र की साधना पूर्ण श्रद्धा, विश्वास और निष्ठा के साथ विधि-विधान से करनी चाहिए।