Edited By Jyoti,Updated: 11 Nov, 2021 08:53 AM
कार्तिक मास में आने वाला गोपाष्टमी महोत्सव अति उत्तम फलदायक है। जो लोग नियम से कार्तिक स्नान करते हुए जप, होम, अर्चन का फल पाना चाहते हैं, उन्हेें गोपाष्टमी पूजन अवश्य करना चाहिए।
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कार्तिक मास में आने वाला गोपाष्टमी महोत्सव अति उत्तम फलदायक है। जो लोग नियम से कार्तिक स्नान करते हुए जप, होम, अर्चन का फल पाना चाहते हैं, उन्हेें गोपाष्टमी पूजन अवश्य करना चाहिए। इस दिन गाय, बैल और बछड़ों को स्नान करवा कर उन्हें सुन्दर आभूषण पहनाएं। यदि आभूषण सम्भव न हो तो उनके सींगों को रंग से सजाएं अथवा उन्हें पीले फूलों की माला से सजाएं। उन्हें हरा चारा और गुड़ खिलाना चाहिए। उनकी आरती करते हुए उनके पैर छूने चाहिएं। गौशाला के लिए दान दें। गोधन की परिक्रमा करना अति उत्तम कर्म है। गोपाष्टमी को गऊ पूजा के साथ गऊओं के रक्षक 'ग्वाले या गोप' को भी तिलक लगा कर उन्हें मीठा खिलाएं। ज्योतिषियों के अनुसार गोपाष्टमी पर पूजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं, उपासक को धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और घर-परिवार में लक्ष्मी का वास होता है।
यहां जानें गोपाष्टम तिथि का आरंभिब और समापन समय-
बृहस्पतिवार, नवम्बर 11, 2021 को
अष्टमी तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 11, 2021 को 06:49 ए एम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त - नवम्बर 12, 2021 को 05:51 ए एम बजे
गोदान करने से लोक और परलोक के कष्ट कट जाते हैं। शनि की दशा, अंतर्दशा और साढ़ेसाती के समय काली गाय का दान मनुष्य को कष्ट मुक्त कर देता है। कहते हैं सब कुछ पाना है तो केवल गाय की पूजा कर लें। किसी भी चीज की कमी नहीं रहेगी। गौमाता जिस जगह खड़ी रह कर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है वहां वास्तुदोष स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं।