Edited By Sarita Thapa,Updated: 02 Aug, 2025 09:43 AM

Inspirational Story: इंगलैंड के राजा कैन्यूट के दरबार में ऐसे लोगों का जमघट लगने लगा था जो राजा की प्रशंसा के पुल बांध कर ओहदे व धन पाने के इच्छुक रहते थे।
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Inspirational Story: इंगलैंड के राजा कैन्यूट के दरबार में ऐसे लोगों का जमघट लगने लगा था जो राजा की प्रशंसा के पुल बांध कर ओहदे व धन पाने के इच्छुक रहते थे। एक दिन एक चापलूस ने कहा, “राजन, आपकी कीर्ति पूरे संसार में फैल चुकी है। आपका आदेश समुद्र भी नहीं टाल सकता।”

राजा की इस तरह की चापलूसी भरी एवं झूठी प्रशंसा की खबरें उनके एक खास गुरुजी तक पहुंचीं। इससे गुरुजी चिंतित हुए। गुरुजी ने राजा को सावधान करते हुए कहा, “इन चापलूसों से बचकर रहो। ये तुम्हारे एवं राज्य के लिए गंभीर खतरा बन जाएंगे।”
राजा कैन्यूट ने विषय की गंभीरता को समझते हुए अगले ही दिन उस चापलूस दरबारी को बुलाया। कैन्यूट उसे समुद्र तट पर घुमाने के लिए अपने साथ ले गए। राजा की मंशा से अनभिज्ञ वह दरबारी अब भी राजा की प्रशंसा के पुल बांध रहा था।

राजा ने कहा, “मैं तुम्हें आदेश देता हूं कि समुद्र की लहरों में कूद पड़ो। यदि तुम डूबने लगोगे तो मैं समुद्र को आदेश दूंगा। उसकी लहरें तुम्हें समुद्र तट पर छोड़ देंगी।”
राजा के ये शब्द सुनते ही मृत्यु के भय से वह खुशामदी दरबारी पसीने से तर हो गया। राजा ने कहा, “तुम चापलूसों की चाल मैं अच्छी तरह जानता हूं। आज से मेरे पास आने का दुस्साहस न करना वरना सारा जीवन जेल में गुजारना पड़ेगा।” इस घटना की खबर समूचे राज्य में फैल गई। परिणाम यह हुआ कि सम्राट कैन्यूट को चापलूसों से मुक्ति मिल गई।
