Edited By Prachi Sharma,Updated: 09 Jun, 2025 07:01 AM

Kailash Manasarovar Yatra: कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल श्रद्धालुओं के लिए एक खास आध्यात्मिक अनुभव लेकर आती है और साल 2025 में यह यात्रा जून के आखिरी सप्ताह से शुरू होने जा रही है।
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Kailash Manasarovar Yatra: कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल श्रद्धालुओं के लिए एक खास आध्यात्मिक अनुभव लेकर आती है और साल 2025 में यह यात्रा जून के आखिरी सप्ताह से शुरू होने जा रही है। इस पवित्र यात्रा के दौरान न सिर्फ कैलाश और मानसरोवर झील का दर्शन होता है बल्कि रास्ते में कई अन्य अद्भुत और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल भी देखने को मिलते हैं। इन्हीं में से एक है ॐ पर्वत।
ॐ पर्वत
ॐ पर्वत उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित है, जो पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील के अंतर्गत आता है। यह पर्वत समुद्र की सतह से करीब 5,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे बेहद खास बनाता है।
कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु जब यात्रा के दौरान नाभीढांग पहुंचते हैं, तो वहीं से उन्हें इस अद्भुत पर्वत के दर्शन होते हैं। ॐ पर्वत और कैलाश पर्वत के बीच की दूरी लगभग 85 किलोमीटर मानी जाती है। हालांकि यह दूरी बहुत अधिक नहीं है लेकिन दोनों पर्वत अलग-अलग दिशाओं में और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में स्थित हैं। यही वजह है कि इनका अलग-अलग महत्व और स्थान है लेकिन दोनों का जुड़ाव श्रद्धालुओं के मन में गहरी श्रद्धा से भरा होता है।

ॐ पर्वत से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं और महत्व
ॐ पर्वत एक ऐसा अद्भुत स्थल है, जहां प्रकृति ने अपने हाथों से कुछ खास रचा है। इस पर्वत की सबसे अनोखी बात यह है कि इसकी ऊपरी सतह पर बर्फ से प्राकृतिक रूप से ॐ का चिन्ह बना हुआ दिखाई देता है। यह दृश्य इतना अलौकिक होता है कि इसे देखने वाले श्रद्धालु इसे भगवान शिव का चमत्कार मानते हैं। चूंकि ॐ ध्वनि को शिव का बीज मंत्र माना जाता है, इसलिए इस पर्वत का शिव भक्ति से गहरा संबंध है।

श्रद्धालुओं का यह भी अनुभव है कि जब वे इस पर्वत के दर्शन करते हैं, तो उनके भीतर भगवान के प्रति श्रद्धा और विश्वास और गहरा हो जाता है। यही वजह है कि ॐ पर्वत को न केवल प्राकृतिक दृष्टि से, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत पूजनीय माना जाता है।
