Kartik Maas 2021: पुष्कर मेले को लेकर राज्य सरकार के बड़े फैसले

Edited By Jyoti,Updated: 20 Oct, 2021 12:14 PM

kartik maas 2021

प्रत्येक वर्ष आश्विन मास की शरद पूर्णिमा तिथि के बाद कार्तिक मास का आरंभ हो जाता है। इस वर्ष की बात करें तो शरद पूर्णिमा का पर्व कुछ जगहों पर 19 अक्टूबर को तो कुछ जगहों पर आज यान 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।

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प्रत्येक वर्ष आश्विन मास की शरद पूर्णिमा तिथि के बाद कार्तिक मास का आरंभ हो जाता है। इस वर्ष की बात करें तो शरद पूर्णिमा का पर्व कुछ जगहों पर 19 अक्टूबर को तो कुछ जगहों पर आज यान 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। राजस्थान के अजमेर में तीर्थराज पुष्कर में शरद पूर्णिमा तिथि के साथ ही कार्तिक मास का आरंभ हो रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मास में हिंदू मंदिरों की नगरी पुष्कर में दूर दूर से श्रद्धालु श्रद्धा और आस्था के साथ यहां मौजूद पवित्र सरोवर में स्नान आदि करने के लिए आते हैं। बता दें शरद पूर्णिमा के साथ ही कार्तिक स्नान शुरू हो जाएंगे जो आगे अगले माह 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के महास्नान तक चलेंगे। 

यूं तो प्रत्येक वर्ष शरद पूर्णिमा तिथि पर तथा कार्तिक मास में न केवल पुष्कर में बल्कि भारत के लगभग सभी तीर्थ स्थलों पर बड़ी संख्या में लोग स्नान करते पाए जाते हैं। परंतु काफी समय से देश में फैली महामारी कोेरोना के चलते ऐसा नहीं हो पाया है। परंतु क्योंकि वर्तमान समय में कोरोना के मामलों में काफी कमी देखने को मिल रही है, इस लिए पुष्कर में भी इसके नियमों में छूट दी जा रही है। जिसके चलते ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार शरद पूर्णिमा से कार्तिक माह के महास्नान तक श्रद्धालुओं की अधिक आवक बनी रहेगी। 

बता दें पूर्णिमा स्नान के साथ आज से स्नान शुरू हो रहे हैं। इसका प्रारंभिक असर सरोवर के मुख्य गउ घाट, ब्रह्म घाट, आदि पर देखने को मिलेगा। परंतु पांच दिनों के पंचतीर्थ स्नान में सभी 52 घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल सकती है। मान्यता है कि श्रद्धालु कार्तिक स्नान के साथ साथ जगतपिता ब्रह्मा जी के दर्शन करके आशीर्वाद ग्रहण करते हैं।

पुष्कर मेला-
प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के दौरान पुष्कर मेले का आयोजन किया जाता है। यहां यह मेला कार्तिक पूर्णिमा को लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक भी आते हैं। हजारों की तादाद में हिंदू धर्म से जुड़े लोग इस मेले में आते हैं तथा पवित्रता पाने के लिए पुष्कर झील में स्नान करते हैं। तो वहीं यहां आने वाले भक्तगण एवं पर्यटक श्री रंग जी एवं अन्य मंदिरों के दर्शन कर आत्मिक लाभ भी प्राप्त करते हैं। बात करें इस वर्ष के पुष्कर मेले की तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राज्य सरकार ने पुष्कर मेले के तहत केवल 8 दिवसीय पशुहाट मेले की इजाजत दी है। इसके तहत केवल पशुओं की खरीद फरोख्त ही हो सकेगी। अन्य प्रकार की समस्त गतिविधियों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। यहां तक की इस दौरान उद्घाटन व समापन समारोह भी आयोजित नहीं किए जाएंगे।

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