Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jun, 2025 08:09 AM

Longest day of the year 2025: 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन कहा जाता है, जिसे गर्मियों की संक्रांति (Summer Solstice) कहते हैं। यह खगोलीय घटना हर साल जून महीने में होती है, जब सूर्य उत्तरायण होता है और पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में दिन की अवधि सबसे...
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Longest day of the year 2025: 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन कहा जाता है, जिसे गर्मियों की संक्रांति (Summer Solstice) कहते हैं। यह खगोलीय घटना हर साल जून महीने में होती है, जब सूर्य उत्तरायण होता है और पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में दिन की अवधि सबसे लंबी होती है।
आओ इसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझते हैं। 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होने के पीछे कारण है कि 21 जून को सूर्य, पृथ्वी के उत्तरी हिस्से मतलब उत्तरी गोलार्ध पर होता है इस कारण सूर्य की रोशनी भारत के बीचों-बीच गुजरने वाली कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है। इस दिन सूर्य की किरणें अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा समय तक धरती पर रहती हैं। इसका मतलब यह है कि 21 जून को सूर्य का चक्कर लगाते हुए पृथ्वी ऐसी स्थिति में होगी, जहां ज्यादा देर तक सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पड़ेगी।

दरअसल पृथ्वी सूर्य के चारों ओर सीधे खड़ी होकर चक्कर नहीं लगाती, बल्कि यह अपने अक्षांश पर साढ़े 23 डिग्री झुकी हुई है और इसी अवस्था में सूर्य के चक्कर लगाती है। चक्कर लगाने के दौरान पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध इसके सामने आते हैं। जून के महीने में उत्तरी गोलार्ध सूर्य के सामने होता है।

इसी कारण से यह दिन साल का सबसे बड़ा और रात छोटी होती है। इस दिन भारत सहित उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा और रात छोटी होती है। वैसे अभी तक एक बार 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन था। खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार अब ऐसा 2203 में होगा।

21 जून के दिन सूरज बहुत ऊंचाई पर होता है। 21 जून के बाद दिन की लंबाई कम होने लगती है और रात लंबी होने लगती हैं। 23 सितंबर आते-आते दिन व रात एक बराबर हो जाते हैं। इसके बाद 23 सितंबर से रात लंबी होने का सिलसिला बढ़ने लगता है तथा दिन छोटे होने लगते हैं।

यह प्रक्रिया 22 दिसंबर तक होती है। 22 दिसंबर को रात सबसे लंबी होती है एवं दिन सबसे छोटा होता है। उत्तरी गोलार्ध में प्रत्येक देश के लिए यह समय अलग-अलग होगा। दुनिया के कई देशों में 21 जून को दिन की लंबाई 14 घंटे से ज्यादा होती है। नॉर्वे, फिनलैंड, ग्रीनलैंड, अलास्का और उत्तरी गोलार्ध के दूसरे इलाकों में मध्यरात्रि तक दिन दिखाई देता है। आर्कटिक में तो सूर्य के पूरी तरह से डूबने की स्थिति भी नहीं बनती। 21 जून को उत्तरी गोलार्ध के देशों में गर्मी की शुरुआत भी कही जाती है। हालांकि इस दौरान दक्षिण गोलार्ध के देशों में इसका बिल्कुल उल्टा होगा वहां इसे सर्दियों की शुरुआत के तौर पर देखा जाता है।

इस वक्त जून में उत्तरी गोलार्ध के देश ‘समर सोल्सटाइस’ मना रहे हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील जैसे दक्षिण गोलार्ध के देशों में ‘विंटर सोल्सटाइस’ मनाया जा रहा है। इस दिन कई देशों में विशेष त्यौहार भी मनाए जाते हैं।
