Edited By Sarita Thapa,Updated: 03 Jul, 2025 12:51 PM

Motivational Story: एक महिला को बात-बात पर गुस्सा आ जाता था। उसकी इस आदत से पूरा परिवार परेशान था। उसकी वजह से परिवार में कलह का माहौल बना रहता था। एक दिन उस महिला के दरवाजे पर एक साधु आया
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Motivational Story: एक महिला को बात-बात पर गुस्सा आ जाता था। उसकी इस आदत से पूरा परिवार परेशान था। उसकी वजह से परिवार में कलह का माहौल बना रहता था। एक दिन उस महिला के दरवाजे पर एक साधु आया। महिला ने साधु को अपनी समस्या बताई।
महिला ने कहा, “महाराज! मुझे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है। मैं चाहकर भी अपने गुस्से पर नियंत्रण नहीं रख पाती। कोई उपाय बताइए।”
साधु ने अपने झोले में से एक दवा की शीशी निकालकर उसे दी और बताया कि “जब भी गुस्सा आए। इसमें से चार बूंद दवा अपनी जीभ पर डाल लेना। दस मिनट तक दवा को मुंह में ही रखना है। दस मिनट तक मुंह नहीं खोलना, नहीं तो दवा असर नहीं करेगी।” महिला ने साधु के बताए अनुसार दवा का प्रयोग शुरू किया।
सात दिन में ही उसकी गुस्सा करने की आदत छूट गई। सात दिन बाद वह साधु फिर उसके दरवाजे पर आया तो महिला उसके पैरों में गिर पड़ी।

उसने कहा, “महाराज आपकी दवा से मेरा क्रोध गायब हो गया। अब मुझे गुस्सा नहीं आता और मेरे परिवार में शांति का माहौल रहता है।”
तब साधु महाराज ने उसे बताया कि वह कोई दवा नहीं थी। उस शीशी में केवल पानी भरा था। गुस्से का इलाज केवल चुप रहकर ही किया जा सकता है। क्योंकि गुस्से में व्यक्ति उल्टा-सीधा बोलता है, जिससे विवाद बढ़ता है। इसलिए क्रोध का इलाज केवल मौन है।
