Mukteshwar Dham: 5500 वर्ष से भी पुराना है पठानकोट का मुक्तेश्वर धाम, मंदिर की चार गुफाएं देती हैं महाभारत कालीन होने की गवाही

Edited By Updated: 29 Nov, 2025 01:58 PM

mukteshwar dham

पंजाब में पठानकोट के प्रसिद्ध मुक्तेश्वर शिव धाम को प्राचीन पांडव गुफा के नाम से भी जाना जाता है। शिवालिक की पहाड़ियों में लगभग 5500 साल से भी पुराने इस धाम के बारे में कहा जाता है कि इसे

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Mukteshwar Dham: पंजाब में पठानकोट के प्रसिद्ध मुक्तेश्वर शिव धाम को प्राचीन पांडव गुफा के नाम से भी जाना जाता है। शिवालिक की पहाड़ियों में लगभग 5500 साल से भी पुराने इस धाम के बारे में कहा जाता है कि इसे पांडवों ने बसाया था। इस धाम को ‘छोटा हरिद्वार’ भी कहा जाता है।

पौराणिक मान्यता
मान्यता है कि आज जिस स्थान पर मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है, वहां करीब 5500 साल पहले धर्मराज युधिष्ठिर अपने भाइयों और द्रोपदी के साथ इन्हीं कंदराओं में रुके थे, जिसके प्रमाण आज भी मौजूद हैं। कहा जाता है कि इस स्थान का वर्णन स्कंद पुराण में भी मिलता है। भगवान शिव को समर्पित, मुक्तेश्वर महादेव गुफा-मंदिर रावी नदी के तट पर स्थित है। मंदिर का मुख्य आकर्षण संगमरमर का एक शिवलिंग है।  

PunjabKesari Mukteshwar Dham

द्रोपदी रसोई और भीम चक्की
ब्यास और चोच नदियों के संगम स्थल इंदौरा से करीब 7 किलोमीटर दूर रावी नदी पर बने रणजीत सागर बांध और निर्माणधीन शाहपुर कंडी बांध के बीच गांव ढूंग में स्थित है मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर। मंदिर से कुछ किलोमीटर पहले रावी नदी के बहने का शोर सुनाई देना शुरू हो जाता है। 164 सीढ़ियां उतरने के बाद मंदिर परिसर में पहुंच जाएंगे। मंदिर में चार गुफाएं हैं जो अपने महाभारतकालीन होने की गवाही देती हैं। थोड़ा नीचे उतरने पर दो गुफाओं में से एक बड़ी गुफा में मंदिर और परिवार मिलन कक्ष आज भी है। बाकी तीन गुफाएं थोड़ी ऊंचाई पर हैं। इनमें से एक गुफा में चक्की लगाई गई थी, जिसे ‘भीम की चक्की’ कहते हैं। दूसरी गुफा द्रौपदी गुफा है और तीसरी गुफा द्रौपदी की रसोई कही जाती है। मान्यता है कि इस गुफा में पांचाली भोजन बनाती थी।

PunjabKesari Mukteshwar Dham

गुफा में है शिव परिवार
मंदिर पंजाब और हिमाचल के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। मुख्य गुफा में गणेश, ब्रह्मा, विष्णु, हनुमान और माता पार्वती की मूर्तियां मौजूद हैं। यहां अमावस्या, नवरात्र, बैसाखी और शिवरात्रि पर आयोजित होने वाले मेले में भारी संख्या में पंजाब, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के श्रद्धालु पहुंचते हैं। पठानकोट में बाबा मुक्तेश्वर धाम और पांडवों की पौराणिक गुफाओं को बैराज बांध की झील में समाने से बचाने के लिए 300 फुट लंबी दीवार बनाई जा रही है। इसके साथ ही बनाई गई 50 मीटर ऊंची कंक्रीट की दीवार जिनका निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा।

PunjabKesari Mukteshwar Dham

मंदिर प्रबंधन द्वारा बाबा मुक्तेश्वर धाम मंदिर को बैराज डैम की झील में समाने से बचाने के लिए लंबा संघर्ष किया गया था। इसके बाद सरकार द्वारा लगभग 9 करोड़ से ज्यादा की राशि मंजूर की गई, जिससे मंदिर और झील के पानी के बीच में एक कंक्रीट की दीवार का निर्माण किया गया है।

कैसे पहुंचे
मुक्तेश्वर धाम पठानकोट जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर और मीरथल से 4 किलोमीटर है। यहां रेल, सड़क और वायु मार्ग से पहुंचा जा सकता है। यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट है, जबकि हवाई अड्डा अमृतसर और जम्मू है। पर्यटक रेलवे स्टेशन से ऑटो या टैक्सी ले सकते हैं या खुद अपने वाहनों से पहुंच सकते हैं।

PunjabKesari Mukteshwar Dham

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!