मीन राशि पर साढ़ेसाती शुरू होगी, धनु राशि को मिलेगी शनि से मुक्ति

Edited By Jyoti,Updated: 31 Mar, 2022 06:53 PM

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जालंधर 31 मार्च: ज्योतिष के लिहाज से अप्रैल का महीना साड़ी राशियों के जातकों के लिए काफी अहम् रहने वाला है।  लंबे समय के बाद ऐसा योग बन रहा है जब एक ही महीने में सारे 9  गृह राशि

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अप्रैल में राशि बदलेंगे सारे गृह, मजबूत होंगे गुरु
जालंधर 31 मार्च: ज्योतिष के लिहाज से अप्रैल का महीना साड़ी राशियों के जातकों के लिए काफी अहम् रहने वाला है।  लंबे समय के बाद ऐसा योग बन रहा है जब एक ही महीने में सारे 9  गृह राशि का परिवर्तन कर रहे हैं। सामान्य तौर पर एक महीने में सूर्य ,बुध और शुक्र का ही राशि परिवर्तन होता है और मंगल 45 दिन के बाद  राशि बदलते हैं।  चन्द्रमा तो हर ढाई दिन बाद राशि परिवर्तन करते हैं लेकिन राहु -केतु ,शनि और गुरु का राशि परिवर्तन लंबा समय लेता है।  गुरु एक राशि में 12  महीने  रहते हैं जबकि राहु केतु 18 महीने और शनि का गोचर तीस महीने का होता है लेकिन अप्रैल में यह तमाम बड़े गृह भी राशि बदल रहे हैं।  शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में जा कर मजबूत होंगे तो गुरु भी अपनी मीन राशि में मजबूत होंगे जबकि नीच राशि में कमजोर चल रहे बुध अब न सिर्फ मेष राशि में जाएंगे बल्कि 15 अप्रैल को उदय भी हो जाएंगे।
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मीन राशि पर साढ़े सकते शुरू होगी, धनु राशि को मुक्ति
29  अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में गोचर के साथ ही धनु राशि के उन जातकों पर शनि की साढ़े साती के प्रभाव से मुक्ति मिल जाएगी जिनकी कुंडली में चन्द्रमा धनु राशि में 15  डिग्री तक है लेकिन जिनकी कुंडली में धनु राशि में चन्द्रमा की डिग्री ज्यादा है उन्हें अभी फ़िलहाल शनि के प्रभाव से मुक्ति मिलने में समय लगेगा।  चन्द्रमा के 45  डिग्री पहले और 45 डिग्री बाद की शनि की स्थिति को साढ़े साती माना जाता है। इसी प्रकार यदि मीन राशि के किसी जातक की कुंडली में चन्द्रमा मीन राशि में 15 डिग्री से नीचे है तो वह जातक शनि की साढ़े साती के प्रभाव में आ जाएंगे।  शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैया भी समाप्त हो जाएगी जबकि कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया शुरू हो जाएगी


वृष और वृश्चिक राशि को राहु- केतु के प्रभाव से मुक्ति
12 अप्रैल को होने जा रहे राहु और केतु के राशि परिवर्तन के चलते वृष और वृश्चिक राशि के जातकों को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी जबकि अब राहु का मेष और केतु का तुला राशि में गोचर इन दो राशियों के जातकों को मानसिक तनाव दे सकता है। मेष और तुला रशियन अब अगले 18 महीने तक राहु और केतु के प्रभाव में रहेंगी।
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गुरु का गोचर कर्क और वृश्चिक राशियों के लिए अच्छा
13 अप्रैल को होने जा रहा मीन राशि में गुरु का गोचर वैसे तो संपूर्ण अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है क्योंकि गुरु वित्त के कारक गृह हैं और यह 12 साल बाद अपनी मीन राशि से गोचर करेंगे लेकिन मीन राशि से गोचर कर रहे गुरु का कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा क्योंकि गुरु कर्क राशि से नौवें भाव में गोचर करेंगे और नौवां स्थान भाग्य स्थान होता है और इस भाव से गुरु का गोचर अच्छा माना जाता है जबकि वृश्चिक  राशि से गुरु का गोचर पांचवें भाव में होगा और पांचवां भाव त्रिकोण का भाव होने के कारण गुरु का गोचर इस भाव से शुभ माना जाता है।  वैसे भी  12 अप्रैल को राहु -केतु के राशि परिवर्तन के बाद कर्क राशि केतु के और 29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में गोचर के बाद  शनि दृष्टि प्रभाव से मुक्त हो जाएगी जबकि वृश्चिक राशि के जातकों को राहु के प्रभाव से मुक्ति मिलने वाली है


नव संवत के राजा शनि, मंत्री गुरु
शास्त्रों के अनुसार नव संवत 2079 की शुरुआत शनिवार हो रही है और इस साल नल नामक संवत होने  और संवत के राजा शनि होने के कारण आवशयक वस्तुओं की महंगाई बढ़ने की आशंका है।  शनि क्रूर गृह हैं और न्याय के कारक भी हैं लिहाजा इस संवत के दौरान जनता में आक्रोश बढ़ेगा और आग लगने की घटनाएं ज्यादा हो सकती हैं जबकि नव संवत के मंत्री का प्रभार गुरु के पास होने के कारण फसलों के उत्पादन में वृद्धि होने और आम लोगों की आय में वृद्धि के भी योग हैं

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2  अप्रैल - नव संवत शुरू
7  अप्रैल- मंगल कुंभ राशि में
8 अप्रैल - बुध  मेष राशि में
12 अप्रैल- राहु मेष और केतु तुला राशि में
13 अप्रैल - गुरु मीन राशि में
14 अप्रैल- सूर्य मेष राशि में
27  अप्रैल - शुक्र - मीन राशि में
29 अप्रैल - शनि कुंभ राशि में


राहु -केतु और शनि की शांति के उपाय
मेष  और तुला राशि के जातकों को केतु के उपाय के तौर पर  केतु के मन्त्र ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः  का 108 बार जप करने के अलावा लोहा, तिल, काला  कपडा दान करना चाहिए और काले कुत्ते की सेवा करना भी केतु का अच्छा उपाय है जबकि राहु के उपाय के तौर पर जातक  ॐ रां राहवे नम:। ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:। ॐ ह्रीं ह्रीं राहवे नम: के जप के साथ साथ नीला कपडा और कंबल दान कर सकते हैं जबकि भैरव मंदिर में जा कर उनकी पूजा से भी राहु प्रसन्न होते हैं। राहु- केतु का  दान रात्रि के समय अच्छा माना जाता है जबकि शनि के उपाय के तौर पर शनि मंदिर में शनि शिला पर तेल चढ़ाने के अलावा  उड़द की दाल ,काले चने , सरसों का तेल ,काले जूते और नारियल का दान किया जा सकता है , गरीबों को भोजन करवाना भी शनि का अच्छा उपाय है। 
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