Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Sep, 2025 02:01 PM

Shradh 2025: धर्म शास्त्रों में श्राद्ध के कुछ विधान बताए गए हैं। उसके अनुसार ही श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, ऐसी मान्यता है। विधि-विधानपूर्वक श्राद्ध कर्म करने में समय व धन की आवश्यकता होती है, लेकिन यदि आप इसमें सक्षम नहीं...
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Shradh 2025: धर्म शास्त्रों में श्राद्ध के कुछ विधान बताए गए हैं। उसके अनुसार ही श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, ऐसी मान्यता है। विधि-विधानपूर्वक श्राद्ध कर्म करने में समय व धन की आवश्यकता होती है, लेकिन यदि आप इसमें सक्षम नहीं हैं, तो भी कुछ साधारण उपाय कर आप अपने पितरों को तृप्त कर सकते हैं, इससे आपके पितृ क्रोधित भी नहीं होंगे। पितरों ने स्वयं अपनी प्रसन्नता के सरल उपाय बताए हैं।
अगर श्राद्ध करने वाले की साधारण आय हो तो वह पितरों के श्राद्ध में यथासंभव ब्राह्मण को भोजन कराए या भोजन सामग्री, जिसमें आटा, फल, गुड़, शक्कर, शाक और दक्षिणा दान करे।

अगर कोई व्यक्ति गरीब हो और चाहने पर भी धन की कमी से पितरों का श्राद्ध करने में समर्थ न हो पाए, तो वह जल में काले तिल डालकर तर्पण करे और विद्वान ब्राह्मण को काले तिल की एक मुठ्ठी दान करने मात्र से ही पितृ प्रसन्न हो सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति इन उपायों को करने में भी किसी कारणवश कठिनाई महसूस करे, तो वह पितरों को याद कर गायों को चारा खिला दे।

इतना भी संभव न हो तो सूर्यदेव को हाथ जोड़कर प्रार्थना कर ले कि ‘मैं श्राद्ध के लिए जरूरी धन और साधन न होने से पितरों का श्राद्ध करने में असमर्थ हूं इसलिए आप मेरे पितरों तक मेरी भावनाओं और प्रेम से भरा प्रणाम पहुंचाएं और उनको तृप्त करें।’

इन साधारण उपायों से भी आपके पितृ प्रसन्न हो सकते हैं। बशर्ते छल, लालच और आलस्य के चलते ऐसे उपायों को कर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ने का प्रयास न करें, ऐसा करने से उसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।