स्वामी प्रभुपाद: परमात्मा सब जानते हैं

Edited By Updated: 27 Apr, 2025 01:32 PM

swami prabhupada

अनुवाद एवं तात्पर्य : हे अर्जुन ! श्रीभगवान होने के नाते मैं जो कुछ भूतकाल में घटित हो चुका है, जो वर्तमान में घटित हो रहा है और जो आगे होने वाला है, वह सब कुछ जानता हूं। मैं समस्त जीवों को भी जानता हूं, किन्तु मुझे कोई नहीं जानता।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

वेदाहं समतीतानि वर्तमानानि चार्जुन।
भविष्याणि च भूतानि मां तु वेद न कश्चन॥7.26॥

अनुवाद एवं तात्पर्य : हे अर्जुन ! श्रीभगवान होने के नाते मैं जो कुछ भूतकाल में घटित हो चुका है, जो वर्तमान में घटित हो रहा है और जो आगे होने वाला है, वह सब कुछ जानता हूं। मैं समस्त जीवों को भी जानता हूं, किन्तु मुझे कोई नहीं जानता।

PunjabKesari  Swami Prabhupada

यहां पर साकारता तथा निराकारता का स्पष्ट उल्लेख है। यदि भगवान कृष्ण का स्वरूप माया होता, जैसा कि मायावादी मानते हैं, तो उन्हें भी जीवात्मा की भांति अपना शरीर बदलना पड़ता और विगत जीवन के विषय में सब कुछ विस्मरण हो जाता। कोई भी भौतिक देहधारी अपने विगत जीवन की स्मृति बनाए नहीं रख पाता, न ही वह भावी जीवन के विषय में या वर्तमान जीवन की उपलब्धि के विषय में भविष्यवाणी कर सकता है।

PunjabKesari  Swami Prabhupada

चतुर्थ अध्याय में हम देख चुके हैं कि लाखों वर्ष पूर्व उन्होंने सूर्यदेव विवस्वान को जो उपदेश दिया था वह उन्हें स्मरण है। कृष्ण प्रत्येक जीव को जानते हैं क्योंकि वे सबों के हृदय में परमात्मा रूप में स्थित हैं किन्तु उनके प्रत्येक जीव के हृदय में परमात्मा रूप में स्थित होने तथा श्री भगवान के रूप में उपस्थित रहने पर भी अल्पज्ञ श्रीकृष्ण को परम पुरुष के रूप में नहीं जान पाते, भले ही वे निर्वेश ब्रह्म को क्यों न समझ लेते हों।    
PunjabKesari  Swami Prabhupada

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!