Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Aug, 2025 08:09 AM

Varalakshmi Vrat Katha 2025: वरलक्ष्मी व्रत की कथा भारतीय धर्मग्रंथों और पुरानी परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह कथा लक्ष्मी देवी की पूजा और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के महत्व को दर्शाती है। वरलक्ष्मी व्रत की कथा पढ़ने से श्रद्धालुओं को...
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Varalakshmi Vrat Katha 2025: वरलक्ष्मी व्रत की कथा भारतीय धर्मग्रंथों और पुरानी परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह कथा लक्ष्मी देवी की पूजा और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के महत्व को दर्शाती है। वरलक्ष्मी व्रत की कथा पढ़ने से श्रद्धालुओं को लक्ष्मी देवी की कृपा प्राप्त होती है। कथा सुनने से मानसिक शांति और भक्ति की भावना बढ़ती है, जिससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह कथा धर्म, भक्ति और समर्पण की महत्वपूर्ण शिक्षा देती है।

Varalakshmi Vrat Katha वरलक्ष्मी व्रत कथा: कथा के अनुसार, दीन-हीन ब्राह्मण परिवार में एक पतिव्रता स्त्री अपने परिवार के साथ बहुत कठिनाइयों का सामना कर रही थी। उसकी गरीबी और संकट के बावजूद, उसने हमेशा धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ का पालन किया। एक दिन, उसने अपनी गृहस्थी में सुख-समृद्धि और लक्ष्मी देवी की कृपा पाने के लिए वरलक्ष्मी व्रत करने का निर्णय लिया।
उस स्त्री ने व्रत के दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ लक्ष्मी देवी की पूजा की। उसने अपने घर को स्वच्छ किया, पूजा स्थल सजाया, और देवी को नैवेद्य अर्पित किया। इसके साथ ही उसने व्रत कथा को भी सुना और व्रत की विधियों का पूरी तरह पालन किया।

लक्ष्मी देवी समृद्धि और सुख की देवी हैं, उस स्त्री की भक्ति और समर्पण से प्रभावित हुईं। उन्होंने उस स्त्री को दर्शन दिए और कहा कि उसकी भक्ति और सच्चे मन से की गई पूजा से उसकी सारी कठिनाइयां समाप्त हो जाएंगी। देवी ने उस स्त्री को और उसके परिवार को धन, ऐश्वर्य और सुख-शांति का आशीर्वाद दिया।
इस प्रकार वरलक्ष्मी व्रत की कथा यह सिखाती है कि सच्ची भक्ति और धार्मिक निष्ठा से हर कठिनाई दूर की जा सकती है और लक्ष्मी देवी का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। यह व्रत परिवार की समृद्धि, सुख और ऐश्वर्य के लिए किया जाता है और इसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए।
