108 नंबर को हिंदू धर्म में क्यों शुभ माना जाता है ?

Edited By Jyoti,Updated: 10 Jan, 2019 10:56 AM

why108 number is considered to be auspicious in hinduism

हिंदू धर्म से संबंध रखने वाले लोगों को इतना तो पता ही होगा, इसमें 108 अंक को बड़ा महत्व दिया जाता है। इसमें होने वाले हर धार्मिक काम में इस अंक को ध्यान में रखकर ही उसे संपन्न किया जाता है।

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हिंदू धर्म से संबंध रखने वाले लोगों को इतना तो पता ही होगा, इसमें 108 अंक को बड़ा महत्व दिया जाता है। इसमें होने वाले हर धार्मिक काम में इस अंक को ध्यान में रखकर ही उसे संपन्न किया जाता है। तो वहीं हिंदू धर्म में होने वाले मंत्रों के जाप में ज्यादातर संख्या 108 होती है। ज्योतिष के अनुसार किसी भी मंत्र का 108 जाप करने से बहुत तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोती है कि आख़िर ऐसा क्यों है। क्यों हिंदू धर्म में होने वाले हर काम में 108 नंबर  का उपयोग होता है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि आख़िर 108 और हिंदू धर्म का क्या कनेक्शन है।
PunjabKesariहम में से बहुत से लोग होंगे जिन्हें ये पता होगा कि मंत्र जाप वाली माला में भी 108 मनके होते हैं। इसलिए प्रत्येक मंत्र का जाप 108 बार किया जाता है। बता दें कि ज्योतष शास्त्र और हिंदू धर्म में कहा जाता है कि किसी भी भगवान के नाम का जाप 108 बार ही करना चाहिए, अगर इससे कम जाप किया जाया तो उसका कभी भी शुभ फल नहीं मिलता। बता दें कि हिंदू धर्म की तरह बौद्ध धर्म में मालाओं में मनकों की संख्या 108 ही है। इसके साथ ही जैन धर्म के धर्मगुरु या अनुयायी कलाई पर जो जाप माला बांधते हैं उनकी कुल संख्‍या भी 108 ही होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों है ? आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें-
PunjabKesariबहुत कम लोग होंगे जिन्हें पता होगा कि 108 भोलेनाथ का अंक है, क्योंकि मुख्‍य शिवांगों की संख्या 108 होती है। यही कारण है कि लिंगायत संप्रदायक में रुद्राक्ष की माला में कुल 108 मनके होते हैं। ज्योतिष के अनुसार जो इस माला से शिव जी के नाम का जाप करता है भगवान शंकर उन पर बहुत प्रसन्न होते हैं।
PunjabKesariइसके अलावा गौड़ीय वैष्णव धर्म में मान्यता है कि वृंदावन में गोपियां की कुल संख्या 108 थी। इसलिए मान्यता प्रचलित है कि 108 मनकों से गोपियों का नाम जपने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। कुछ मान्यताओं के अनुसार श्री वैष्णव धर्म में भगवान विष्णु के कुल 108 दिव्य क्षेत्र बताए हैं, जिसे दिव्यदेशम कहा जाता है। इसलिए एक कारण ये भी है जिस वजह से हिंदू धर्म में 108 का इतना महत्व है।
PunjabKesariबता दें कि हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म में भी कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं, जिसके अनुसार व्यक्ति के मन में कुल 108 तरह की भावनाएं उत्पन्न होती हैं। यह संख्या, सूंघने, सुनने, कहने, खाने, प्‍यार, नफरत, दर्द, खुशी आदि को मिलाकर बनाई गई है। कहा जाता है कि इन 108 भावनाओं से ही व्यक्ति का जीवन संचालित होता है। इसके अलावा बौद्ध धर्म के कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनकी सीढ़ियों की संख्या 108 है। इतना तो सभी जानते हैं कि ज्‍योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 12 राशियां हैं। लेकिन इस बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे कि इन 12 राशियों में 9 ग्रह विचरण करते हैं। अगर इन दोनों संख्यों को गुणा करके देखा जाए तो जो अंक बनता है वो है 108।
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तो यही कारण है जिनकी वजह से 108 को इतना महत्वपूर्ण अंक माना जाता है।
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