Edited By Piyush Sharma,Updated: 07 Oct, 2021 04:25 PM
निसान मोटर्स ने सेमीकंडक्टर चिप की कमी को ध्यान में रखते हुए हाल ही में cross-functional ''semiconductor task force’ का गठन किया है। इसी के साथ कंपनी के एक उच्च अधिकारी ने कहा कि इस टास्क फोर्स का निर्माण चेन्नई प्लांट में आ रही सेमीकंडक्टक की बाधा...
ऑटो डेस्क:निसान मोटर्स ने सेमीकंडक्टर चिप की कमी को ध्यान में रखते हुए हाल ही में cross-functional 'semiconductor task force’ का गठन किया है। इसी के साथ कंपनी के एक उच्च अधिकारी ने कहा कि इस टास्क फोर्स का निर्माण चेन्नई प्लांट में आ रही सेमीकंडक्टक की बाधा को दूर करने के लिए किया गया है
निसान इंडिया के पास अपनी कॉम्पैक्ट एसयूवी निसान मैग्नाइट के 60,000 यूनिट्स का बैकलॉग है।जिसे पूरा करने के लिए कंपनी द्वारा टास्क फोर्स का निर्माण किया गया है।
निसान मोटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश श्रीवास्तव ने कहा ग्लोबल स्तर पर सेमीकंडक्टर कमी ने ऑटो क्षेत्र में वाहनों की सेल को काफी प्रभावित किया है। इसलिए निसान द्वारा इस कमी को पूरा करने को लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
निसान और उसके ग्लोबल अलायंस पार्टनर रेनॉल्ट का चेन्नई में एक प्लांट है, जहां से वे भारत में बिक्री और अन्य देशों में निर्यात के लिए अपने वाहनों को रोल आउट करते हैं। रेनॉल्ट-निसान गठबंधन ने चेन्नई प्लांट पर 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
सेमीकंडक्टर की कमी ने भारत में अन्य वाहन निर्माता कंपनियों को भी प्रभावित किया है जिसके चलते देश में लगभग 5 लाख यूनिट्स का बैकलॉग ऑर्डर जमा हो गया है।