Edited By Tanuja,Updated: 28 Dec, 2025 05:18 PM

फ्रांस की मशहूर अभिनेत्री और पशु-अधिकार कार्यकर्ता ब्रिजिट बार्डो का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। 1960 के दशक की ग्लैमर आइकन रहीं बार्डो ने बाद में सिनेमा छोड़ पशु संरक्षण को जीवन का उद्देश्य बनाया, हालांकि उनके राजनीतिक बयान विवादों में रहे।
International Desk: फ्रांस की दिग्गज अभिनेत्री, 1960 के दशक की अंतरराष्ट्रीय सेक्स सिंबल और बाद में उग्र पशु-अधिकार कार्यकर्ता बनीं ब्रिजिट बार्डो का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह दक्षिणी फ्रांस स्थित अपने घर में मृत पाई गईं। उनके निधन की पुष्टि ब्रिजिट बार्डो फाउंडेशन ने की है। मौत के कारण का खुलासा नहीं किया गया है। ब्रिजिट बार्डो ने 1956 में आई फिल्म “एंड गॉड क्रिएटेड वुमन” से वैश्विक ख्याति प्राप्त की। फिल्म में उनके बोल्ड दृश्य और विद्रोही अंदाज़ ने उस दौर की सामाजिक नैतिकताओं को झकझोर दिया। सुनहरे बाल, आत्मविश्वासी चाल और बिंदास व्यक्तित्व ने उन्हें 20वीं सदी की सबसे प्रभावशाली महिला कलाकारों में शामिल कर दिया।
1969 में बार्डो का चेहरा फ्रांस की राष्ट्रीय प्रतीक ‘मैरीएन’ के रूप में चुना गया। उनके चेहरे वाली प्रतिमाएं, टिकटें और सिक्के पूरे फ्रांस में दिखाई दिए। हालांकि 39 वर्ष की उम्र में उन्होंने अचानक फिल्मी दुनिया छोड़ दी और खुद को पूरी तरह पशु-अधिकार आंदोलन को समर्पित कर दिया। उन्होंने सील शिकार, पशु परीक्षण, बंदरों को अंतरिक्ष भेजने और पारंपरिक पशु खेलों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर आवाज़ उठाई। 1985 में उन्हें फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान लीजन ऑफ ऑनर भी मिला।
लेकिन बाद के वर्षों में उनके अति-दक्षिणपंथी राजनीतिक विचार, मुस्लिम समुदाय और अप्रवासियों पर दिए गए बयानों ने उन्हें विवादों में घेर लिया। नस्लीय घृणा भड़काने के मामलों में उन्हें कई बार सजा भी हुई। #MeToo आंदोलन के दौरान दिए गए उनके बयानों ने भी तीखी आलोचना झेली। उन्होंने कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री में उत्पीड़न के आरोप “अतिशयोक्तिपूर्ण” हैं। ब्रिजिट बार्डो का जीवन चमक, संघर्ष, विद्रोह, करुणा और विवादों का अनोखा मिश्रण रहा। वे सिनेमा की दुनिया से भले ही दूर चली गईं, लेकिन इतिहास में हमेशा एक प्रभावशाली और बहस छेड़ने वाली शख्सियत के रूप में याद की जाएंगी।