चीन बना एशिया का शांति दूतः थाई-कंबोडिया तनाव घटाने के लिए बना विचौलिया, बीजिंग में शुरू हुई निर्णायक बातचीत

Edited By Updated: 28 Dec, 2025 07:07 PM

thai and cambodian top diplomats meet in china to solidify ceasefire

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। चीन की मध्यस्थता में बीजिंग में दोनों देशों के शीर्ष राजनयिक स्थायी युद्धविराम और शांति समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।

International Desk: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को समाप्त करने के प्रयास तेज हो गए हैं। चीन की सक्रिय मध्यस्थता में दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों ने बीजिंग में दो दिवसीय अहम बातचीत शुरू की है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्थायी युद्धविराम सुनिश्चित करना और क्षेत्र में शांति बहाल करना है। यह वार्ता उस युद्धविराम समझौते के ठीक एक दिन बाद शुरू हुई है, जिस पर शनिवार को दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत विवादित सीमा पर हफ्तों से जारी हिंसक संघर्ष को रोकने का आह्वान किया गया है।

 

इस संघर्ष में अब तक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि थाईलैंड और कंबोडिया में पांच लाख से ज्यादा लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। थाईलैंड के विदेश मंत्री सिहासक फुआंगकेटकेओ और कंबोडिया के विदेश मंत्री प्राक सोखोन, चीन के विदेश मंत्री वांग यी की मध्यस्थता में चीन के दक्षिण-पश्चिमी युन्नान प्रांत में वार्ता कर रहे हैं।

 

थाई विदेश मंत्रालय के अनुसार, इन वार्ताओं का मकसद केवल अस्थायी संघर्षविराम नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच स्थायी शांति और विश्वास बहाली है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को दोनों नेताओं के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें और एक त्रिपक्षीय वार्ता भी करेंगे। चीन ने युद्धविराम समझौते का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे सीमा क्षेत्र में शांति लौटी है और विस्थापित नागरिकों को अपने घरों में लौटने का अवसर मिला है।

 

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