Edited By Rohini Oberoi,Updated: 22 Jun, 2025 10:58 AM

ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर हुए कथित हमलों को लेकर एक गंभीर आरोप लगाया है। भारत में ईरान के दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया है कि हाल के दिनों में दुश्मन द्वारा किए गए क्रूर हमलों के बाद आज...
इंटरनेशनल डेस्क। ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर हुए कथित हमलों को लेकर एक गंभीर आरोप लगाया है। भारत में ईरान के दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया है कि हाल के दिनों में दुश्मन द्वारा किए गए क्रूर हमलों के बाद आज सुबह फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान में देश के परमाणु स्थलों पर बर्बर आक्रमण किया गया है। ईरान ने इस कार्रवाई को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों, विशेष रूप से परमाणु अप्रसार संधि का सीधा उल्लंघन बताया है।
IAEA की भूमिका पर ईरान ने उठाए गंभीर सवाल
ईरान ने इस हमले को लेकर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) पर भी निशाना साधा है। 'एक्स' पोस्ट में कहा गया है कि यह कार्रवाई जो अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करती है दुर्भाग्य से IAEA की उदासीनता और यहाँ तक कि मिलीभगत के तहत हुई है। यह आरोप ईरान और IAEA के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और बढ़ा सकता है। IAEA संयुक्त राष्ट्र की वह संस्था है जो दुनिया भर में परमाणु गतिविधियों की निगरानी करती है।
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अमेरिका ने हमलों की ली है जिम्मेदारी
ईरान ने अपनी पोस्ट में यह भी ज़िक्र किया है कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु साइटों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है। ईरान के अनुसार ये सभी साइटें सुरक्षा समझौते और NPT के तहत IAEA की निरंतर निगरानी में हैं। इस तरह के हमले अगर पुष्टि हो जाती है तो अंतर्राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
यह बयान मध्य पूर्व में पहले से जारी तनाव को और गहरा कर सकता है। ईरान लगातार दावा करता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है जबकि पश्चिमी देश और इजरायल इसे परमाणु हथियार बनाने की दिशा में एक कदम मानते हैं। इन हमलों और ईरान के आरोपों के बाद वैश्विक स्तर पर सुरक्षा और कूटनीतिक प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा।