शेख हसीना का सनसनीखेज खुलासा: अमेरिका ने रची "आतंकी हमले" की साजिश, पाकिस्तान ने दिया अंजाम

Edited By Updated: 02 Nov, 2025 05:19 PM

sheikh hasina alleges us pakistan conspiracy behind student revolt

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तख्तापलट के बाद पहली बार कहा कि उन्हें सत्ता से हटाने के पीछे अमेरिका और पाकिस्तान की आतंकी साजिश थी। उन्होंने मोहम्मद यूनुस पर अमेरिका के इशारे पर यह योजना बनाने का आरोप लगाया। हसीना ने सेंट मार्टिन द्वीप सौंपने से...

International Desk: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सत्ता से बेदखल होने के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए अपने खिलाफ हुए तख्तापलट को “विदेशी आतंकी साजिश” करार दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर अमेरिका और पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि दोनों ने मिलकर उन्हें सत्ता से हटाने की साजिश रची और देश में छात्र आंदोलन की आड़ में हिंसा भड़काई। हसीना ने ‘द प्रिंट’ से बातचीत में कहा कि जुलाई-अगस्त में हुए छात्र विरोध प्रदर्शन असल में कोई लोकतांत्रिक क्रांति नहीं, बल्कि “अमेरिका द्वारा रचा गया आतंकवादी हमला” था, जिसे पाकिस्तान की मदद से अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा, “इसे आंदोलन मत कहो यह बांग्लादेश पर हमला था। मुझे सत्ता से हटाने की अमेरिकी साजिश थी, जिसे पाकिस्तानी ताकतों ने अंजाम दिया और छात्रों के विद्रोह के रूप में पेश किया गया।”पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि जिन हत्याओं के लिए उनकी सरकार को दोषी ठहराया गया, वे पुलिस नहीं बल्कि “आतंकियों द्वारा की गई थीं”, ताकि जनता को उनके खिलाफ भड़काया जा सके।


 
यूनुस “देश का गद्दार” 
हसीना ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस पर भी गंभीर आरोप लगाए कि उन्होंने अमेरिका के इशारे पर साजिश रची और फंडिंग की। उन्होंने कहा कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप पर नियंत्रण चाहता था, लेकिन उनके इनकार करने पर उन्हें सत्ता से हटाने की योजना बनाई गई।“अगर मैं सेंट मार्टिन द्वीप दे देती, तो अमेरिका मुझे नहीं हटाता। लेकिन मैंने अपने देश को बेचने से इनकार कर दिया,” हसीना ने कहा। उन्होंने यूनुस को “देश का गद्दार” बताया और कहा कि उसने अपनी महत्वाकांक्षा के लिए बांग्लादेश को बर्बाद कर दिया।हसीना ने पाकिस्तान को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह लंबे समय से चरमपंथी नेटवर्कों को समर्थन देता रहा है। यह 1971 से चली आ रही दखलअंदाजी की परंपरा का ही हिस्सा है।

 

अवामी लीग पर संकट
हसीना के देश छोड़ने के बाद, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अवामी लीग की गतिविधियों को निलंबित कर दिया और पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया। अब हसीना और उनकी पार्टी कई कानूनी मामलों का सामना कर रही है, जिनमें प्रदर्शनकारियों की मौतों से जुड़े हत्या के आरोप भी शामिल हैं।ढाका के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में हसीना के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई पूरी हो चुकी है, और अभियोजन पक्ष ने मौत की सजा की मांग की है। बांग्लादेश चुनाव आयोग दिसंबर की शुरुआत में आम चुनाव की घोषणा कर सकता है। यूनुस ने सेना और विपक्षी BNP के दबाव में अगले साल फरवरी तक चुनाव कराने का वादा किया है।


देश छोड़ने की मजबूरी
5 अगस्त 2024 को भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच हसीना को देश छोड़ना पड़ा था। उस दौरान 1,400 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। आंदोलन की शुरुआत छात्रों के सरकारी नौकरी कोटा प्रणाली के खिलाफ विरोध से हुई थी, लेकिन जल्द ही यह हसीना के इस्तीफे की मांग में बदल गया।सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान की सलाह पर उन्होंने देश छोड़ा और तब से वह दिल्ली में सरकारी सुरक्षा आवास में रह रही हैं।

 

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