चीनी वाले प्रोडक्ट, शराब और सिगरेट होंगे 50% महंगे? जानिए WHO की पूरी बात, हर घर से जुड़ी है खबर!

Edited By Pardeep,Updated: 06 Jul, 2025 12:47 AM

sugary products alcohol and cigarettes will become 50 more expensive

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों से अपील की है कि वे अगले 10 वर्षों में चीनी युक्त पेय (जैसे कोल्ड ड्रिंक्स), शराब और तंबाकू पर 50% तक टैक्स बढ़ाएं। यह सुझाव सेविल में हुई संयुक्त राष्ट्र की "Finance for Development" कांफ्रेंस के दौरान दिया...

इंटरनेशनल डेस्कः विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों से अपील की है कि वे अगले 10 वर्षों में चीनी युक्त पेय (जैसे कोल्ड ड्रिंक्स), शराब और तंबाकू पर 50% तक टैक्स बढ़ाएं। यह सुझाव सेविल में हुई संयुक्त राष्ट्र की "Finance for Development" कांफ्रेंस के दौरान दिया गया।

WHO का कहना है कि इन टैक्सों से दो बड़े फायदे होंगे:

  1. बीमारियों पर लगाम लगेगी – जैसे मोटापा, मधुमेह (डायबिटीज), कैंसर और दिल की बीमारियां।

  2. सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को आर्थिक मजबूती मिलेगी – टैक्स से मिलने वाले पैसे से अस्पतालों और स्वास्थ्य योजनाओं को बेहतर किया जा सकेगा।


‘3 by 35’ योजना क्या है?

WHO की इस रणनीति का नाम है – "3 by 35"
 इसका उद्देश्य है कि 2035 तक इन टैक्सों के ज़रिए 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 83 लाख करोड़ रुपये) जुटाए जाएं।

WHO के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम गेब्रेयेसस ने कहा: “अब वक्त है कि देश इस ‘नई हकीकत’ को स्वीकार करें और अपने स्वास्थ्य तंत्र को मज़बूत बनाएं।”


टैक्स बढ़ाने से क्या असर होगा?

WHO के स्वास्थ्य विशेषज्ञ गिलेरमो सैंडोवाल ने बताया: "अगर आज किसी देश में एक सॉफ्ट ड्रिंक की कीमत 4 डॉलर (लगभग ₹330) है, तो 2035 तक ये कीमत 10 डॉलर (लगभग ₹830) हो सकती है।"

कोलंबिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में ऐसे टैक्स पहले से लगे हैं और वहां सकारात्मक नतीजे मिले हैं – बिक्री घटी और लोगों की सेहत में सुधार देखा गया।

विरोध भी जारी है...

  • शुगर बेवरेज इंडस्ट्री (Cold drink कंपनियां) का कहना है: "अब तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि टैक्स बढ़ाने से मोटापा या स्वास्थ्य समस्याएं कम हुई हैं।"

  • शराब उद्योग ने कहा: "WHO का यह सुझाव भ्रामक है – टैक्स से शराब से होने वाले नुकसान नहीं रुकेंगे।"

टैक्स नीति को समर्थन भी मिला है:

  • ब्लूमबर्ग परोपकार संस्थान (Bloomberg Philanthropies)

  • विश्व बैंक (World Bank)

  • OECD (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन)

इन सभी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और देशों को इस नीति को अपनाने में मदद देने की बात कही है।

भारत में भी HFSS (High Fat, Sugar, Salt) खाद्य पदार्थों पर टैक्स की मांग

अप्रैल 2025 में भारत में एक राष्ट्रीय समूह, जिसकी अगुवाई ICMR-NIN (भारतीय पोषण संस्थान) कर रहा है, ने सरकार से मांग की है कि:

  • ज्यादा फैट, नमक और चीनी वाले खाद्य पदार्थों (जैसे चिप्स, बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक) पर स्वास्थ्य कर (Health Tax) लगाया जाए।

  • स्कूल-कॉलेज की कैंटीन और आसपास की दुकानों में ऐसे खाद्य पदार्थों की बिक्री पर पाबंदी लगे।

  • बच्चों को टीवी, मोबाइल या सोशल मीडिया पर junk food के विज्ञापन दिखाने पर रोक लगे।

    भारत में किशोरों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। करीब 1.7 करोड़ भारतीय किशोर अब मोटापे से जूझ रहे हैं।

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