Edited By shukdev,Updated: 13 Dec, 2018 11:45 PM
विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र बाल निधि (यूनिसेफ) समेत वैश्विक गठबंधन की एक नई रिपोर्ट के अनुसार समयपूर्व पैदा हुुए करीब तीन करोड़ बच्चे मौत की कगार पर हैं और उन्हें जीवित रखने के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता है। यूनिसेफ के उप...
संयुक्त राष्ट्र : विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र बाल निधि (यूनिसेफ) समेत वैश्विक गठबंधन की एक नई रिपोर्ट के अनुसार समयपूर्व पैदा हुुए करीब तीन करोड़ बच्चे मौत की कगार पर हैं और उन्हें जीवित रखने के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता है। यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक उमर अब्दी ने कहा,‘जब बच्चों और उनकी मां की बात आती है तो सही जगह पर सही समय पर सही देखभाल ही फर्क ला सकता है। उन्होंने कहा कि लाखों छोटे एवं बीमार बच्चे और महिलाएं हर साल मर रही हैं क्योंकि उन्हें गुणवत्तापूर्ण देखभाल की सुविधा नहीं मिलती है जो उनका अधिकार है और यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
रिपोर्ट‘जीवित रहें और बढ़ें: हर छोटे एवं बीमार नवजात शिशु देखभाल में सुधार’ से यह पता चलता है कि समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों में कई शिकायतें रहती है या प्रसव के दौरान मस्तिष्क की समस्या रहती है, गंभीर जीवाणु संक्रमण या पीलिया जैसे गंभीर बीमारी के कारण मौत तथा अक्षमता का खतरा रहता है। इसके अलावा उनके परिवारों पर वित्तीय और मनोवैज्ञानिक दबाव उनके ज्ञान, भाषा और भावनात्मक विकास को प्रभावित कर सकता है।
डब्ल्यूएचओ में कार्यक्रमों की उप महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि हर मां और शिशुओं का अच्छा स्वास्थ्य गर्भ धारण करने के बाद से शुरू होकर बच्चे के जन्म के पहले महीने के बीच निर्भर करता है। उन्होंने विश्वव्यापी स्वास्थ्य सेवा नवजात समेत सभी को उनके खर्च करने की क्षमता से इतर उपलब्ध कराने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा,‘नवजातों के स्वास्थ्य की देखभाल में प्रगति एक अच्छी स्थिति है, यह मौत से बचाती है और बच्चों की शुरुआती विकास के लिए महत्वपूर्ण है जिससे परिवार, समाज और भविष्य की पीढिय़ों पर असर पड़ता है।