टैरिफ पर ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कहा - 'ट्रंप टैरिफ' को तुरंत वैध घोषित करे कोर्ट

Edited By Updated: 04 Sep, 2025 09:24 AM

trump approached the supreme court to declare his tariffs legal

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने व्यापारिक टैरिफ को लेकर सुप्रीम कोर्ट से एक महत्वपूर्ण अपील की है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह निचली अदालत के उन फैसलों पर तुरंत सुनवाई करे जिनमें उनके लगाए गए ज्यादातर टैरिफ को अवैध करार दिया...

इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने व्यापारिक टैरिफ को लेकर सुप्रीम कोर्ट से एक महत्वपूर्ण अपील की है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह निचली अदालत के उन फैसलों पर तुरंत सुनवाई करे जिनमें उनके लगाए गए ज्यादातर टैरिफ को अवैध करार दिया गया था।

क्या है पूरा मामला?

हाल ही में अमेरिकी संघीय सर्किट अपील न्यायालय ने 7-4 के बहुमत से एक फैसला सुनाया था जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने लगभग हर देश पर भारी शुल्क लगाकर अपने अधिकार का उल्लंघन किया है। इस फैसले ने ट्रंप के व्यापारिक एजेंडे की बुनियाद को हिला दिया है।

➤ ट्रंप की मांग: वादी पक्ष से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार ट्रंप चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट नवंबर की शुरुआत में ही उनकी अपील पर सुनवाई करे और जल्द से जल्द इस विवादित टैरिफ की वैधता पर अंतिम फैसला सुनाए। सामान्य तौर पर ऐसे फैसलों में महीनों लग सकते हैं।

➤ राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला: ट्रंप के अनुरोध के साथ संलग्न एक घोषणापत्र में वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि अपील अदालत का यह फैसला "राष्ट्रपति की कूटनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने की क्षमता को गंभीर रूप से कमजोर करता है।"

शुल्क लगाने का अधिकार किसका?

अपील अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा कि "शुल्क लगाना कांग्रेस की एक प्रमुख शक्ति है न कि राष्ट्रपति का अधिकार।" कोर्ट ने यह भी कहा कि "संविधान द्वारा शुल्क जैसे कर लगाने की शक्ति विशेष रूप से विधायी शाखा में निहित है।"

ट्रंप ने अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) का उपयोग कर अन्य देशों के साथ अमेरिकी घाटे को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करके टैरिफ लगाए थे लेकिन अदालत ने इसे उनके अधिकार का अतिक्रमण माना।

विपक्ष का क्या कहना है?

लिबर्टी जस्टिस सेंटर के वरिष्ठ वकील जेफरी श्वाब जो टैरिफ का विरोध करने वाले वादियों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे ने कहा कि दोनों संघीय अदालतें इस बात पर सहमत हैं कि IEEPA राष्ट्रपति को असीमित टैरिफ अधिकार नहीं देता। उन्होंने कहा कि "ये गैरकानूनी टैरिफ छोटे व्यवसायों को गंभीर नुकसान पहुँचा रहे हैं और उनके अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं।"

अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं कि वह इस अपील पर क्या रुख अपनाता है।

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