ब्रिटेन को पहले से थी ईरान पर अमेरिकी हमले की सूचना, कहा- लेकिन हम इसमें शामिल नहीं

Edited By Updated: 22 Jun, 2025 06:29 PM

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इजराइल के समर्थन में अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर किये गए हमले पर ब्रिटेन ने कहा है कि वह इस कार्रवाई में शामिल नहीं है। हालांकि, उसे पहले से ही इसकी जानकारी

London: इजराइल के समर्थन में अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर किये गए हमले पर ब्रिटेन ने कहा है कि वह इस कार्रवाई में शामिल नहीं है। हालांकि, उसे पहले से ही इसकी जानकारी दी गई थी। । ब्रिटेन के कैबिनेट मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने स्काई न्यूज को बताया कि ईरान पर अमेरिकी हमले की पहले ही सूचना दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन को एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में सूचित किया गया था। हालांकि हमले के समय की सटीक जानकारी नहीं दी गई थी। जोनाथन ने कहा कि अमेरिका ने समर्थन नहीं मांगा था और ब्रिटेन इसमें शामिल नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि ब्रिटेन इन हमलों में शामिल नहीं है, लेकिन हम सभी संभावित परिस्थितियों के लिए व्यापक तैयारी कर रहे हैं।''

 

मंत्री ने कहा कि ब्रिटिश सरकार अपने नागरिकों के साथ-साथ क्षेत्र में अपने सैन्य ठिकानों, कर्मियों और बुनियादी ढांचे की रक्षा के लिए काम कर रही है। वहीं, इजराइली सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा कि उनका देश अब भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। डेफ्रिन से संवाददाताओं ने जब सवाल किया कि क्या अमेरिकी हमले से पहले फोर्दो से संवर्धित यूरेनियम हटा लिया गया था, तो उन्होंने कहा कि यह कहना अभी बहुत जल्दी है। डेफ्रिन ने कहा कि हमले इजराइली सेना के साथ समन्वय में किए गए थे। इस बीच, उपग्रह से ली गईं तस्वीरों में फोर्दो स्थित भूमिगत परमाणु स्थल की पहाड़ी को नुकसान दिखाई दे रहा है।

 

प्लैनेट लैब्स पीबीसी द्वारा ली गई तस्वीरों में दिखाया गया है कि कभी भूरे रंग का पहाड़ कुछ हिस्सों में सलेटी हो गया है और इसकी आकृति पिछली तस्वीरों की तुलना में थोड़ी अलग दिखाई दे रही है, जिससे पता चलता है कि विस्फोट के कारण स्थल के चारों ओर मलबा फैल गया था। एसोसिएटेड प्रेस के विश्लेषण से सामने आया है कि ठिकाने पर बमबारी के बाद हल्के भूरे रंग का धुआं छा गया। ईरान ने अब तक फोर्दो में हुए नुकसान का आकलन पेश नहीं किया है। अन्य उपग्रह तस्वीरों से पता चलता है कि हमले से पहले ईरान ने फोर्दो में अपने सुरंग के प्रवेश द्वारों को पूरी तरह से सील कर दिया था। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए रविवार को मॉस्को जाएंगे।

 

रूस का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बीच रणनीतिक साझेदारी है और हम हमेशा एक-दूसरे से परामर्श करते हैं तथा अपनी स्थिति में समन्वय करते हैं।'' अरागची ने ‘एक्स' पर लिखा कि रात में अमेरिका द्वारा किए गए हमलों ने अमेरिकियों या यूरोपीय लोगों के साथ कूटनीति की किसी भी संभावना को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले हफ्ते, हम अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे थे जब इजराइल ने कूटनीतिक प्रयास को खत्म करने का फैसला किया। इस हफ्ते, हमने यूरोपीय संघ के साथ बातचीत की जब अमेरिका ने उस कूटनीति को खत्म करने का फैसला किया।''

 

अरागची ने कहा, ‘‘आप क्या निष्कर्ष निकालेंगे?ईरान के वार्ता की मेज पर ‘वापस' आने के लिए ब्रिटिश और यूरोपीय संघ की टिप्पणियां अब अव्यवहारिक हैं। लेकिन ईरान किसी ऐसी चीज पर कैसे वापस लौट सकता है जिसे उसने कभी छोड़ा ही नहीं, उसे खत्म करना तो दूर की बात है?'' रेड क्रॉस के प्रमुख ने कहा कि विश्व ‘असीमित युद्ध' को बर्दाश्त नहीं कर सकता। रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के प्रमुख मिरजाना स्पोलजारिक ने चेतावनी दी है कि पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से ‘‘क्षेत्र और विश्व के एक ऐसे युद्ध में फंसने का खतरा है जिसके अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे।''  

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