18 प्रमुख वैज्ञानिकों को WHO की चीन को 'क्लीनचिट' पर शक,कहा- वुहान से कोरोना वायरस लीक की हो जांच

Edited By Tanuja,Updated: 15 May, 2021 12:54 PM

uk us scientists call for fuller probe into covid wuhan lab leak theory

कोरोना वायरस की उत्पति को लेकर चीन एक बार फिर दुनिया के कटघरे में हैं। विश्व भर में चीन से फैले इस वायरस को ड्रैगन की किरकिरी हो चुकी है...

 लंदन: कोरोना वायरस की उत्पति को लेकर चीन एक बार फिर दुनिया के कटघरे में हैं।  विश्व भर में चीन से फैले इस वायरस को लेकर ड्रैगन की किरकिरी हो चुकी है।  इस बारे में जांच करने चीन के वुहान गई विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम की क्लीनचिट के बावजूद  ब्रिटेन और अमेरिका के प्रमुख वैज्ञानिकों के समूह ने चीन पर उंगली उठाई है । इस समूह का कहना है कि कोरोना  महामारी कहां से पैदा हुई, इसका पता लगाने के लिए और अधिक जांच की जरूरत है। समूह का कहना है कि इस जांच में चीन के वुहान की वायरॉलजी लैब से वायरस के 'ऐक्सिडेंटल लीक' से आने की धारणा भी शामिल हो। इन वैज्ञानिकों में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रतिरक्षाविज्ञान और संक्रामक रोग विशेषज्ञ भारतीय मूल के रवींद्र गुप्ता शामिल हैं।

 

'साइंस' पत्रिका में प्रकाशित एक पत्र में हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड और एमआईटी जैसे दुनिया के प्रमुख विश्वविद्यालयों के 18 विशेषज्ञों ने कहा कि भविष्य के प्रकोपों के जोखिम को कम करने के लिए वैश्विक रणनीतियों बनाने के वास्ते यह जानना जरूरी है कि कोरोना वायरस  कैसे उभरा।  विशेषज्ञों ने आगाह किया कि जब तक पर्याप्त आंकड़े न हों तब तक प्राकृतिक तरीके से और लैब से वायरस के फैलने के बारे में थिअरीज को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। समूह का कहना है कि WHO के महानिदेशक, अमेरिका और 13 अन्य देशों और यूरोपीय संघ से सहमत हैं कि इस महामारी की उत्पत्ति के बारे में अधिक स्पष्टता प्राप्त करना आवश्यक और संभव है। जब तक पर्याप्त आंकड़े न हों तब तक प्राकृतिक तरीके से और लैब से वायरस के फैलने के बारे में  थ्योरीज को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।' 

 

महामारी के इतिहास का जिक्र करते हुए वैज्ञानिकों ने बताया कि किस तरह 30 दिसंबर, 2019 को प्रोग्राम फॉर मॉनिटरिंग इमर्जिंग डिजीज ने दुनिया को चीन के वुहान में अज्ञात कारणों से होने वाले निमोनिया के बारे में सूचित किया था। इससे कारक प्रेरक एजेंट सीवीयर एक्यूट रेसपीरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस 2 (SARS-CoV-2) की पहचान हुई थी। मई 2020 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने अनुरोध किया था  कि WHO के महानिदेशक SARS-CoV-2 की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए भागीदारों के साथ काम करें। नवंबर 2020 में, चीन-डब्ल्यूएचओ के संयुक्त अध्ययन के लिए संदर्भ की शर्तें जारी की गई थीं। अध्ययन के पहले चरण के लिए जानकारी, आंकड़े और नमूने एकत्र किए गए थे और टीम द्वारा संक्षेप में प्रस्तुत किए गए थे।

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