Edited By Tanuja,Updated: 05 Jul, 2022 05:28 PM
अमेरिका अपने सहयोगियों को शिनजियांग प्रांत में उइगरों से जबरन काम कराए जाने व जातीय नरसंहार के खिलाफ संगठित कर रहा है। इसी...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका अपने सहयोगियों को शिनजियांग प्रांत में उइगरों से जबरन काम कराए जाने व जातीय नरसंहार के खिलाफ संगठित कर रहा है। इसी कड़ी में कार्रवाई करते हुए अमेरिका ने शिनजियांग प्रांत से आयातित उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे चीन की आपूर्ति शृंखला बाधित हो गई है। अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि वह नए कानून को सख्ती से लागू करेगा।
अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (सीपीबी) ने 21 जून से उइगर जबरन श्रम रोधक अधिनियम लागू कर दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा दिसंबर में हस्ताक्षर किए गए इस कानून में चीनी कंपनियों के लिए अमेरिकी प्रशासन को यह साबित करना बाध्यता होगी कि जो बेचा जाने वाला माल शिनजियांग क्षेत्र में जबरन श्रम करके तैयार नहीं करवाया गया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने एक रैली में कहा, हम चीन के खिलाफ अभियान जारी रखेंगे। इसका बुरा असर चीन की आपूर्ति शृंखला पर पड़ा है और उसे बड़ा घाटा हो रहा है। ब्लिंकन के इस बयान से वाशिंगटन-बीजिंग में पहले से जारी तनाव और बढ़ेगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्त झाओ लिजियन ने माना कि यदि अधिनियम पूरी तरह लागू हुआ तो उत्पादन शृंखलाओं के बीच सहयोग गंभीर रूप से बाधित होगा और इन हालात में चीन अपने हितों के लिए कड़े कदम उठाएगा।