Edited By Tanuja,Updated: 15 Oct, 2025 05:21 PM

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन पर दिए बयान से शेयर बाजार में हड़कंप मच गया। उन्होंने कहा कि चीन अब अमेरिका से सोयाबीन नहीं खरीदेगा और अमेरिका खुद कुकिंग ऑयल बनाएगा। इससे बाजार 600 अंकों तक गिरा और निवेशकों को 450 अरब डॉलर का नुकसान...
Washington: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बयान मंगलवार को अमेरिकी और वैश्विक शेयर बाजारों पर भारी पड़ा। उनके बयान के कुछ ही मिनटों के भीतर शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों को 450 अरब डॉलर (लगभग ₹37 लाख करोड़) का नुकसान हुआ।
ट्रंप का चीन पर नया हमला
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल (Truth Social) पर चीन को लेकर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा: “चीन जानबूझकर अमेरिका से सोयाबीन खरीदने से इनकार कर रहा है। इससे हमारे किसानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। हम चीन के साथ ट्रेड खत्म करने पर विचार कर रहे हैं। हमें चीन से तेल खरीदने की कोई जरूरत नहीं हम खुद कुकिंग ऑयल बनाएंगे।” ट्रंप के इस बयान ने अमेरिकी निवेशकों में घबराहट फैला दी। शेयर मार्केट खुलते ही डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones) करीब 600 अंक तक गिर गया, और कुछ ही मिनटों में कंपनियों के मार्केट कैप से 450 अरब डॉलर उड़ गए।
कैसे प्रभावित हुआ बाजार
एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) के आंकड़ों के अनुसार, चीन ने पिछले वर्ष 2.951 मिलियन मीट्रिक टन कुकिंग ऑयल का निर्यात किया था, जिसमें से 1.267 मिलियन मीट्रिक टन अमेरिका को मिला था। ट्रंप के बयान से निवेशकों को डर हुआ कि दोनों देशों के बीच सप्लाई चेन पर असर पड़ेगा, और खाद्य तेलों की कीमतों में भारी उथल-पुथल हो सकती है।
विश्लेषकों की प्रतिक्रिया
आर्थिक विशेषज्ञों ने कहा कि ट्रंप के बयान ने बाजार में अस्थिरता बढ़ा दी है। अमेरिकन इकॉनमिक एनालिस्ट्स एसोसिएशन के प्रमुख रॉबर्ट क्लार्क ने कहा “ट्रंप की सोशल मीडिया पोस्ट्स हमेशा बाजार पर असर डालती हैं, लेकिन यह बयान असामान्य रूप से तीखा था। निवेशकों को डर है कि अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर फिर से भड़क सकता है।”
वार्ता की खबर से लौटी थोड़ी राहत
हालांकि, बाद में अमेरिकी ट्रेड रिप्रजेंटेटिव ग्रीयर ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात तय हो चुकी है। यह जानकारी सामने आने के बाद शेयर बाजार में थोड़ी राहत लौटी और गिरावट कुछ हद तक संभली।
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का इतिहास
अमेरिका और चीन के बीच वर्षों से ट्रेड वॉर (व्यापार युद्ध) चल रहा है। ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान भी चीन पर टैरिफ और व्यापारिक प्रतिबंधों की बौछार की थी। हाल ही में उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर चीन ने अमेरिकी शर्तें नहीं मानीं तो नवंबर से 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इस पर चीन ने कहा था कि वह “अंत तक यह लड़ाई जारी रखेगा।”
कृषि क्षेत्र पर असर
ट्रंप के बयान का असर केवल बाजार पर ही नहीं बल्कि अमेरिकी किसानों पर भी पड़ा। सोयाबीन, कॉर्न और कैनोला जैसे कृषि उत्पादों के दामों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के अनुसार, चीन अमेरिकी कृषि निर्यात का सबसे बड़ा बाजार है और इस व्यापार के टूटने से अमेरिकी किसानों को अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है।
वैश्विक असर
अमेरिका और चीन के बीच किसी भी प्रकार का तनाव वैश्विक अर्थव्यवस्था को झटका देता है।यूरोप, भारत, जापान और दक्षिण कोरिया के बाजारों में भी हल्की गिरावट देखी गई।विशेष रूप से तेल, स्टील और टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई।