Edited By Pardeep,Updated: 01 Nov, 2025 06:48 AM

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस से एक दक्षिण एशियाई महिला ने उनकी आस्था और उनकी पत्नी उषा वेंस के साथ अंतर-धार्मिक विवाह के साथ-साथ आव्रजन पर ट्रम्प प्रशासन की नीतियों को लेकर सवाल किया। दोनों के बीच संवाद सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें, बुधवार...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस से एक दक्षिण एशियाई महिला ने उनकी आस्था और उनकी पत्नी उषा वेंस के साथ अंतर-धार्मिक विवाह के साथ-साथ आव्रजन पर ट्रम्प प्रशासन की नीतियों को लेकर सवाल किया। दोनों के बीच संवाद सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें, बुधवार को यूनिवर्सिटी आफ मिसिसिपी में एक टर्निंग प्वाइंट यूएसए कार्यक्रम में बिंदी लगाए महिला, वेंस से सवाल पूछती दिख रही है।
वेंस को संबोधित करते हुए महिला ने कहा, ‘‘आपने अभी जो कुछ कहा, मैं उनमें से कई बातों से सहमत नहीं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मेरा मुद्दा यहां इस पर चर्चा करना है।'' महिला ने कहा कि वेंस का विवाह उषा वेंस से हुआ है, जो ईसाई नहीं हैं और वह एक हिंदू परिवार में पली-बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आप तीन बच्चों का पालन-पोषण एक अंतर-सांस्कृतिक और अंतर धार्मिक परिवार में कर रहे हैं। आप अपने बच्चों को कैसे संभाल रहे हैं या कैसे सिखा रहे हैं कि वे आपके धर्म को अपनी मां के धर्म से आगे न रखें... आप इसमें कैसे संतुलन बना रहे हैं?" अपने अंतरधार्मिक परिवार के बारे में पूछे गए "निजी" सवाल का जवाब देते हुए, वेंस ने कहा, "हां, मेरी पत्नी ईसाई धर्म में पली-बढ़ी नहीं हैं। मुझे लगता है कि यह कहना उचित होगा कि वह एक हिंदू परिवार में पली-बढ़ी हैं, लेकिन किसी विशेष धार्मिक परिवार में नहीं।" अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब वह उषा से मिले थे, तो वे दोनों ‘‘नास्तिक" थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी यह सहमति इस तरह बनी कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं। हम एक-दूसरे से इस बारे में बात करते हैं। इसलिए हमने अपने बच्चों को ईसाई धर्म में पालने का फैसला किया है।'' वेंस ने बताया कि अधिकांश रविवार को उषा उनके साथ चर्च जाती है। महिला ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोलाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई के बीच प्रशासन की आव्रजन नीतियों पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘और जब आप यहां बहुत अधिक प्रवासियों की बात करते हैं, तो आपने यह संख्या कब तय की? आपने हमें सपने क्यों दिखाये? आपने हमें अपनी जवानी, अपनी दौलत इस देश में खर्च करने पर मजबूर किया और हमें एक सपना दिया।'' महिला ने कहा कि ‘‘हमने जो कुछ हासिल किया है उसके लिए हमने कड़ी मेहनत की है, फिर आप एक उपराष्ट्रपति के रूप में यह कैसे कह सकते हैं कि ‘हम अब बहुत सारे हैं और हम उन लोगों को निकाल देंगे'? आपने हमें रास्ता दिखाया और अब आप इसे कैसे रोक सकते हैं और हमें कैसे कह सकते हैं कि अब हमारा यहां कोई हक़ नहीं है?''
वेंस ने कहा कि अमेरिका को भविष्य में अपने आव्रजन के स्तर को कम करना चाहिए, साथ ही इस बात का सम्मान भी करना चाहिए कि ऐसे लोग हैं जो वैध आव्रजन मार्गों के माध्यम से देश में आए हैं और उन्होंने इसमें योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग अमेरिका आना चाहते हैं और उनका काम अमेरिका के लोगों का ध्यान रखना है, न कि "पूरी दुनिया" के हितों का।