Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Jul, 2021 06:44 PM
सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में इस साल अप्रैल से 28 मई के बीच 645 बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उनके द्वारा...
नेशनल डेस्क- सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में इस साल अप्रैल से 28 मई के बीच 645 बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उनके द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2021 से 28 मई 2021 के बीच 645 बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है।
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा अनाथ हुए बच्चे
आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 158 बच्चे उत्तर प्रदेश में अनाथ हुए हैं। इसके बाद आंध्रप्रदेश में 119 बच्चे, महाराष्ट्र में 83 बच्चे और मध्यप्रदेश 73 बच्चे अनाथ हुए हैं। स्मृति ने लिखित जवाब में बताया कि मंत्रालय ने, और शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि कोविड महामारी के दौरान अपने अभिभावकों को खोने वाले बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो और उन्हें स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के दायरे में लाया जाए।
अभिभावकों को खोने वाले बच्चों के लिए योजना शुरू
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड महामारी के दौरान अपने माता, पिता या दोनो अभिभावकों, अपने कानूनी संरक्षक या गोद लेने वाले अभिभावकों को खो चुके बच्चों की मदद करने के लिए एक योजना की घोषणा की है। इसके तहत ऐसे बच्चे की शिक्षा और स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मदद की जाएगी और उनके 18 साल के होने पर उनके लिए 10 लाख रुपये की व्यवस्था की जाएगी।
इस राशि का उपयोग (18 साल की उम्र के बाद) अगले पांच साल तक उन्हें उच्च शिक्षा के दौरान उनकी जरूरतें पूरी करने के लिए मासिक वित्तीय मदद या वजीफे के तौर पर देने में किया जाएगा। 23 साल की उम्र होने पर वह निजी या पेशेवर उपयोग के लिए यह राशि ले सकेंगे।