Edited By Radhika,Updated: 23 Jun, 2025 05:24 PM

ऑस्ट्रेलिया में बेहतर भविष्य की तलाश में निकला नवांशहर जिले के लंगड़ोआ गांव का जसपाल कड़ी मशक्कत के बाद अपने घर लौट आया है। उसके वापस लौटने पर परिवार और रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है।
नेशनल डेस्क: ऑस्ट्रेलिया में बेहतर भविष्य की तलाश में निकला नवांशहर जिले के लंगड़ोआ गांव का जसपाल कड़ी मशक्कत के बाद अपने घर लौट आया है। उसके वापस लौटने पर परिवार और रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है। भारत वापिस आए इस युवक के हाल सुनकर आपकी रुह कांप उठेगी। उसे ऑस्ट्रेलिया जाना था, लेकिन धोखे से पहले दुबई ले जाया गया और फिर वहां से ईरान। जसपाल ने जैसे ही ईरान की धरती पर कदम रखा। उसे पाकिस्तानी और ईरानी गिरोह के सदस्यों ने बंधक बना लिया।
18 लाख ठगे, बंधक बनाकर पीटा
जसपाल को दुबई और ईरान के रास्ते ऑस्ट्रेलिया भेजने का झांसा देकर धीरज अटवाल नामक एक ट्रैवल एजेंट ने 18 लाख रुपये ठग लिए थे। जसपाल ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि ईरान पहुंचने पर होशियारपुर के एक एजेंट के कहने पर कुछ पाकिस्तानी और ईरानी लोगों ने उन्हें अपनी कार में बिठा लिया। उन लोगों ने जसपाल के सारे पैसे भी छीन लिए। इसके बाद उन्हें और पंजाब के दो अन्य नौजवानों को अलग-अलग कमरों में हाथ-पैर बांधकर बंधक बना लिया गया।
जसपाल ने बताया कि उन दरिंदों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा। एक महीने तक उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया गया। मानवता की हदें तब पार हो गईं जब एक बार जसपाल ने पानी पीने की इच्छा जताई, तो उन दरिंदों ने उन्हें अपना पेशाब पीने पर मजबूर किया। बंधकों को छोड़ने के एवज में परिवार से 18 लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई थी।
भारत सरकार के हस्तक्षेप से वापसी
जसपाल की घर वापसी भारत सरकार के हस्तक्षेप से संभव हो पाई। भारतीय दूतावास और ईरान की पुलिस ने मिलकर जसपाल और उसके साथ बंधक बनाए गए दो अन्य नौजवानों को ढूंढ निकाला। उन्हें छुड़ाने के बाद, यह भी पता चला कि उनके पासपोर्ट फाड़ दिए गए थे।
जसपाल भले ही अपने परिवार से मिलकर खुश हैं लेकिन इस दर्दनाक और भयावह अनुभव ने उन पर गहरा मनोवैज्ञानिक असर डाला है। वह अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं और उस त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर उन धोखेबाज ट्रैवल एजेंटों के गोरखधंधे को उजागर करती है, जो भोले-भाले युवाओं को विदेशों में अच्छी नौकरी और बेहतर भविष्य का झांसा देकर उन्हें नरक जैसी परिस्थितियों में धकेल देते हैं। युवाओं को ऐसे एजेंट्स से सावधान रहने और हमेशा सरकारी मान्यता प्राप्त माध्यमों से ही विदेश यात्रा की योजना बनाने की सलाह दी जाती है।