Edited By Mehak,Updated: 11 Oct, 2025 03:16 PM

सोना और चांदी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और फेस्टिव सीजन से पहले आम आदमी के लिए यह महंगी होती जा रही हैं। इसी बीच प्लैटिनम ने भी तेजी पकड़ी है, इस साल इसकी कीमत लगभग 70% बढ़ गई है। सप्लाई में कमी और बढ़ती डिमांड इसके मुख्य कारण हैं। ज्वैलरी, ऑटो,...
नेशनल डेस्क : फेस्टिव सीजन के करीब आते ही सोना और चांदी की कीमतों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। आम आदमी के लिए ये धातुएं अब धीरे-धीरे पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। इसी बीच, निवेश और ज्वैलरी मार्केट में प्लैटिनम भी तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। इसकी कीमतों में भी लगातार उछाल देखने को मिल रहा है।
कीमतों में जबरदस्त उछाल
- इस साल प्लैटिनम की कीमतों में लगभग 70% का उछाल आया है।
- तुलना के लिए, सोने में 51% और चांदी में 58% की बढ़त रही।
- हालांकि, मई 2008 के अपने हाई लेवल 2250 डॉलर प्रति औंस से प्लैटिनम की कीमत अब भी 28% नीचे है।
- साल 2023 और 2024 में प्लैटिनम की कीमतों में हर साल लगभग 8% की गिरावट रही थी, जबकि 2022 में 10% का मामूली उछाल देखा गया।
क्यों बढ़ रही हैं कीमतें?
- सप्लाई में कमी और डिमांड में तेजी मुख्य वजह हैं।
- प्लैटिनम का इस्तेमाल सिर्फ ज्वैलरी में नहीं, बल्कि ऑटो सेक्टर, पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री और हाइड्रोजन एनर्जी जैसी इंडस्ट्रीज में भी होता है।
- पाइनट्री मैक्रो के फाउंडर रितेश जैन के अनुसार, अब प्लैटिनम सोने के मुकाबले भी महंगा माना जा रहा था, लेकिन अब सोना प्लैटिनम से लगभग तीन गुना महंगा है।
भविष्य में और बढ़ सकती हैं कीमतें
- वर्ल्ड प्लैटिनम इंवेस्टमेंट काउंसिल के मुताबिक, 2025 में प्लैटिनम की सप्लाई में 8,50,000 औंस की गिरावट आ सकती है।
- सप्लाई लगातार तीन साल से कम हो रही है, जबकि डिमांड बढ़ रही है।
- प्लैटिनम का 70% से ज्यादा इस्तेमाल ग्रीन टेक्नोलॉजी और व्हीकल्स में कैटेलिटिक कन्वर्टर्स में होता है।
- चॉइस ब्रोकिंग की रिसर्च एनालिस्ट कविता मोरे के अनुसार, 2025 और उसके बाद भी मांग मजबूत बनी रहेगी।
सप्लाई की चुनौतियां
- दुनिया में सबसे ज्यादा प्लैटिनम दक्षिण अफ्रीका की खदानों से आता है।
- लेकिन खराब मौसम, तकनीकी समस्याएं और सप्लाई चेन में दिक्कतें उत्पादन को प्रभावित कर रही हैं।