20 साल बाद चिकनगुनिया की क्यों हो रही इतनी चर्चा, क्या है इसके लक्षण और भारत में कितना खतरा?

Edited By Updated: 26 Jul, 2025 07:11 PM

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लगभग 20 साल बाद एक बार फिर चिकनगुनिया का खतरा तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस संदर्भ में अलर्ट जारी किया है। चिकनगुनिया एक ऐसी संक्रामक बीमारी है, जिसके बारे में आम लोगों के पास पर्याप्त जानकारी नहीं होती, लेकिन यह अब...

नेशनल डेस्क: लगभग 20 साल बाद एक बार फिर चिकनगुनिया का खतरा तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस संदर्भ में अलर्ट जारी किया है। चिकनगुनिया एक ऐसी संक्रामक बीमारी है, जिसके बारे में आम लोगों के पास पर्याप्त जानकारी नहीं होती, लेकिन यह अब तक 119 देशों में फैली हुई है, जिससे लगभग 5.6 अरब लोग जोखिम में हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, 20 साल पहले पाए गए वायरस में जो म्यूटेशन हुए थे, वे अब फिर से सामने आ रहे हैं। भारत जैसे देशों में जहां मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां पहले से ही मौजूद हैं, वहां चिकनगुनिया का खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है।

भारत में चिकनगुनिया का खतरा कितना गंभीर?

पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. समीर भाटी के मुताबिक, भारत में मॉनसून के मौसम में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां आम होती हैं, जो चिकनगुनिया फैलने की सबसे बड़ी वजह भी बनती हैं। हालांकि, फिलहाल भारत में चिकनगुनिया का जोखिम ज्यादा नहीं माना जाता, लेकिन सतर्क रहना आवश्यक है। डॉ. भाटी बताते हैं कि चिकनगुनिया बीमारी एडीस एजिप्टी और एडीस एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलती है, जो दिन के समय अधिक सक्रिय रहते हैं। संक्रमित मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है, तो वायरस उसके खून में प्रवेश कर शरीर में तेजी से फैलने लगता है। इसका प्रभाव मुख्य रूप से जोड़ों, मांसपेशियों और नसों पर पड़ता है, जिससे मरीज को तीव्र दर्द और कमजोरी होती है।

चिकनगुनिया के लक्षण क्या हैं?

चिकनगुनिया के लक्षण अचानक और तीव्रता से सामने आते हैं। इसका इनक्यूबेशन पीरियड 2 से 7 दिन होता है, यानी वायरस के शरीर में प्रवेश के कुछ दिनों बाद लक्षण प्रकट होने लगते हैं। सबसे प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, तीव्र जोड़ दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन शामिल हैं। यह जोड़ दर्द कई बार इतना गंभीर होता है कि मरीज को चलने-फिरने में भी कठिनाई होती है, और यह दर्द हफ्तों से महीनों तक रह सकता है।

इसके अलावा सिरदर्द, थकान, ठंड लगना, मतली, उल्टी और पूरे शरीर पर लाल चकत्ते भी हो सकते हैं। आंखों में दर्द और सूजन भी आम लक्षण हैं। कई मामलों में चिकनगुनिया के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं, जिससे सही निदान में देरी हो सकती है। बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है और स्वास्थ्य पर दीर्घकालीन प्रभाव डाल सकता है।

बचाव के उपाय

1. घर और आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि मच्छर वहीं पनपते हैं।

2. शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें ताकि मच्छरों से बचाव हो सके।

3. मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट और कॉइल का नियमित उपयोग करें।

4. घर के दरवाजे और खिड़कियों पर मच्छरदानी या नेट लगाएं।

5. बुखार या अन्य किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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