Edited By Tanuja,Updated: 15 May, 2025 03:00 PM

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के माहौल में चीन का एक जासूसी जहाज़ 'दा यांग यी हाओ' (Da Yang Yi Hao) भारत के समुद्री क्षेत्र....
International Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के माहौल में चीन का एक जासूसी जहाज़ 'दा यांग यी हाओ' (Da Yang Yi Hao) भारत के समुद्री क्षेत्र के पास पहुंच रहा है। यह जानकारी ओपन-सोर्स खुफिया विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने दी है। इस जहाज़ को चीन "वैज्ञानिक अनुसंधान पोत" बताता है, लेकिन भारत और अन्य देशों का मानना है कि इसका असली उद्देश्य खुफिया जानकारी इकट्ठा करना है। यह जहाज़ समुद्र की सतह को स्कैन करने, मिसाइल टेस्ट ट्रैक करने और पनडुब्बियों की गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम है। इसकी गतिविधियाँ अक्सर सामान्य वैज्ञानिक अभियानों की आड़ में की जाती हैं।
कहां से आया यह जहाज़?
डेमियन साइमन द्वारा साझा किए गए नक्शे के अनुसार, यह जहाज़ मलक्का जलडमरूमध्य से होकर भारत के दक्षिण में श्रीलंका के पास पहुंच रहा है।इस तरह के जहाज़ आमतौर पर भारत के मिसाइल परीक्षणों और समुद्री सैन्य गतिविधियों के दौरान आसपास देखे जाते हैं।
वैज्ञानिक जहाज़ या जासूस?
पिछले साल भी 'Xiang Yang Hong 01' नामक एक अन्य चीनी जासूसी जहाज़ भारत के अग्नि-5 मिसाइल परीक्षण** के समय क्षेत्र में देखा गया था।इसके अलावा, कुछ जहाज़ भारतीय पनडुब्बियों की ध्वनि पहचानने और ITR परीक्षण स्थल (एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप) पर हो रही गतिविधियों की निगरानी करते पाए गए हैं। यह जानकारी बाद में चीनी उपग्रहों को भेजी जाती है जिससे वह विस्तृत जासूसी कर सकें।
अंडरवाटर निगरानी भारत के लिए खतरे की घंटी
इन जहाज़ों में मौजूद मानवरहित जल-नीचे वाहनों (UUVs) के ज़रिए समुद्र के भीतर मौजूद रक्षा तंत्र, सी माइंस** और अन्य सैन्य ढांचों की भी निगरानी की जाती है। साल 2021 में एक और चीनी जहाज़ 'Da Yang Hao' को पलाऊ के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में बिना अनुमति घुसने पर रोका गया था। उस समय रिपोर्ट में कहा गया था कि वह क्षेत्र भविष्य के पनडुब्बी युद्ध संचालन के लिहाज़ से रणनीतिक रूप से अहम है। भारत के पड़ोस में चीन के इस तरह के जहाज़ों की मौजूदगी सिर्फ वैज्ञानिक उद्देश्य नहीं, बल्कि सैन्य जासूसी और रणनीतिक निगरानी का हिस्सा मानी जा रही है। यह भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।