GST Cut Rate: 21.70 की सिगरेट और 88 पैसे की टॉफी, नए रेट से कंफ्यूज़ हुए ग्राहक; जानें कैसे करे पेमेंट?

Edited By Updated: 23 Sep, 2025 05:56 PM

customers confused by new rates learn how to make payments

देशभर में 22 सितंबर से नए GST रेट लागू हो गए हैं। इसके चलते कुछ उत्पादों की कीमतें ऐसी हो गई हैं कि ग्राहक और दुकानदार दोनों ही परेशान हैं। पहले जो उत्पाद ₹5 या ₹10 के पूरे दाम पर मिलते थे, अब उनकी कीमत ₹4.45 या ₹8.90 जैसी हो गई है। ऐसे में छुट्टे...

नेशनल डेस्क: देशभर में 22 सितंबर से नए GST रेट लागू हो गए हैं। इसके चलते कुछ उत्पादों की कीमतें ऐसी हो गई हैं कि ग्राहक और दुकानदार दोनों ही परेशान हैं। पहले जो उत्पाद ₹5 या ₹10 के पूरे दाम पर मिलते थे, अब उनकी कीमत ₹4.45 या ₹8.90 जैसी हो गई है। ऐसे में छुट्टे पैसे की समस्या खड़ी हो गई है।

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दुकानदारों के लिए मुश्किल, ग्राहकों भी उलझन में

पहले क्लासिक सिगरेट ₹19 की मिलती थी, लेकिन जीएसटी के बाद इसकी कीमत ₹21.77 हो गई है। इसी तरह ₹5 का पारले-जी बिस्किट अब ₹4.45 में, ₹2 का शैम्पू ₹1.77 में और ₹1 की टॉफी 88 पैसे में मिल रही है। भारत में छोटे पैक जैसे ₹1, ₹2, ₹5 और ₹10 की चीजें की बिक्री सबसे ज्यादा होती है। उदाहरण के लिए शैम्पू की 79% बिक्री सिर्फ ₹1 और ₹2 के पाउच से होती है। ऐसे में इन उत्पादों की कीमतों में आई यह छोटी-छोटी कमी बड़ी परेशानी का कारण बन गई है, क्योंकि भारतीय मुद्रा में 50 पैसे से कम के सिक्के चलन में नहीं हैं।

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कंपनियों ने की सरकार से स्पष्टीकरण की मांग-

कंपनियों का कहना है कि उन्होंने जीएसटी दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुँचाने के लिए ऐसा किया है। पारले कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ने बताया कि फिलहाल थोड़ी परेशानी होगी, लेकिन उम्मीद है कि लोग UPI का इस्तेमाल करेंगे या बड़े पैक खरीदेंगे।

कंपनियों को डर है कि अगर वे दाम कम करने के बजाय प्रोडक्ट का वजन बढ़ा दें, तो सरकार उन पर ग्राहकों को लाभ न पहुँचाने का आरोप लगा सकती है। इसी वजह से कई कंपनियों ने कीमतें घटाकर दिखाई हैं, भले ही इससे छुट्टे की समस्या पैदा हो गई हो। RSPL ग्रुप के प्रेसिडेंट सुशील कुमार बाजपेयी ने बताया कि उन्होंने अपने उत्पादों की कीमतें 13% तक कम कर दी हैं ताकि यह साफ दिखे कि टैक्स में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को मिल रहा है।

कंपनियां अब सरकार से स्पष्टीकरण मांग रही हैं कि क्या दाम घटाने की बजाय उत्पाद का वजन बढ़ाना भी ग्राहकों को फायदा पहुँचाना माना जाएगा। कल्लिनोवा इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रशांत पेरेस का मानना है कि यह परेशानी ज्यादा दिन नहीं चलेगी और जल्द ही कंपनियां पुराने राउंड फिगर वाले दामों पर लौट आएंगी, लेकिन तब सामान की मात्रा थोड़ी ज्यादा होगी।

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