Edited By Anu Malhotra,Updated: 09 Jun, 2023 03:48 PM
यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक और बड़ी गवाही सामने आई। दरअसल, अब बृजभूषण सिंह के खिलाफ इंटरनेशनल रेफरी जगबीर सिंह ने गवाही दी है। उन्होंने बताया कि एक महिला पहलवान ने खुद को...
नेशनल डेस्क: यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक और बड़ी गवाही सामने आई। दरअसल, अब बृजभूषण सिंह के खिलाफ इंटरनेशनल रेफरी जगबीर सिंह ने गवाही दी है। उन्होंने बताया कि एक महिला पहलवान ने खुद को बृजभूषण से छुड़ाया था इतना ही नहीं वह बृजभूषण को धक्का देकर उसने खुद को दूर किया।
बता दें कि जगबीर सिंह 2007 से अंतरराष्ट्रीय कुश्ती रेफरी हैं। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि बृजभूषण महिला पहलवानों के बगल में खड़े थे। इससे महिला पहलवान असहज महसूस कर रही थीं और महिला पहलवान ने बृजभूषण से खुद को छुड़ाया था, उसने बृजभूषण को धक्का दिया, फिर कुछ कहते हुए दूर चली गई। जगबीर ने कहा कि मैं फुकेत में भी था, मैं लखनऊ में भी था और मैंने देखा कि बृजभूषण ने महिला पहलवानों को परेशान किया।
इससे पहले शिकायतकर्ता नाबालिग पहलवान के पिता ने वीरवार को कहा कि उन्होंने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी क्योंकि वह अपनी बेटी के साथ हुई नाइंसाफी से नाराज थे। इस खुलासे से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामला कमजोर हो सकता है। पिछले छह महीने से पहलवान यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
नाबालिग पहलवान की शिकायत के बाद पोक्सो कानून के तहत जांच चल रही है। नाबालिग के पिता ने पीटीआई से कहा ,‘‘ यह बेहतर है कि सच अदालत में आने की बजाय अभी सामने आ जाये ।'' उनसे पूछा गया था कि अब वह अपनी बात से क्यों पलट रहे हैं । उनकी नाबालिग बेटी की पहचान बचाने के लिये उनका नाम नहीं लिया गया है। उन्होंने अपनी और अपनी बेटी की बृजभूषण के खिलाफ कड़वाहट का भी स्पष्टीकरण दिया।
इसकी शुरूआत लखनऊ में 2022 में एशियाई अंडर 17 चैम्पियनशिप के ट्रायल से हुई जिसमें नाबालिग लड़की फाइनल में हारकर भारतीय टीम में जगह नहीं बना सकी थी । उन्होंने रैफरी के फैसले के लिये बृजभूषण को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा ,‘‘ मैं बदले की भावना से भर गया था क्योंकि रैफरी के एक फैसले से मेरी बच्ची की एक साल की मेहनत बेकार हो गई थी। मैने बदला लेने का फैसला किया।