Edited By Shubham Anand,Updated: 29 Dec, 2025 08:27 PM

भारत ने पाकिस्तान द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों पर हमलों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने इसे निराधार बताते हुए पाकिस्तान को उसके ही खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड की याद दिलाई। MEA ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार...
नेशनल डेस्क : भारत ने सोमवार, 29 दिसंबर 2025, को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा भारत में कथित तौर पर अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर दिए गए बयानों को पूरी तरह निराधार और तथ्यहीन बताते हुए खारिज कर दिया। इसके साथ ही भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने पाकिस्तान को उसके ही देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के रिकॉर्ड की ओर ध्यान दिलाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान को अपने हालात पर नजर डालने की नसीहत दी।
पाकिस्तान के दावों को बताया बेबुनियाद
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी द्वारा दिए गए बयानों का संज्ञान लिया है और उन्हें पूरी तरह निराधार बताया है। जायसवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा,
“हम ऐसे देश की टिप्पणियों को सिरे से खारिज करते हैं, जिसका इस मुद्दे पर रिकॉर्ड बेहद खराब है और जो अपने आप में ही सब कुछ बयान कर देता है।”
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाला व्यवहार किसी से छिपा नहीं है। जायसवाल ने कहा,
“पाकिस्तान में विभिन्न धार्मिक अल्पसंख्यकों को सुनियोजित और भयावह तरीके से परेशान किया जाना एक सर्वविदित तथ्य है। कितनी भी उंगली उठाई जाए, इस सच्चाई को झुठलाया नहीं जा सकता।”
क्या कहा था पाकिस्तान ने?
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में दावा किया गया था कि भारत में क्रिसमस से पहले तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे धार्मिक अल्पसंख्यकों में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा हो रहा है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न गंभीर चिंता का विषय है। बयान में यह भी कहा गया कि न केवल ईसाई समुदाय के त्योहारों को निशाना बनाया गया, बल्कि मुसलमानों के खिलाफ भी कथित तौर पर हिंसा को बढ़ावा दिया गया है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों की लंबी फेहरिस्त
भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों को खारिज करते हुए उसके अपने रिकॉर्ड की ओर इशारा किया, जहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों की स्थिति लगातार सवालों के घेरे में रही है। पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा, भेदभाव और जबरन धर्मांतरण की घटनाएं लंबे समय से सामने आती रही हैं।
बलूचिस्तान में युवाओं और महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों की गूंज अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच चुकी है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान में हर साल करीब 1,000 हिंदू और ईसाई लड़कियों का अपहरण किया जाता है, जिसके बाद उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराकर उनकी शादी कर दी जाती है।
मानवाधिकार रिपोर्ट्स में भी उजागर हुई स्थिति
मानवाधिकार फैक्ट शीट के अनुसार, वर्ष 2022 में 124 हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और उनकी शादी मुस्लिम लड़कों से कराई गई। इसके अलावा 2019 से 2025 के बीच हिंदुओं के खिलाफ 334 गंभीर हिंसा और हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं, जो पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।